भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की 10 वें राउंड की बातचीत खत्म हो गई है. 16 घंटे चली इस बातचीत में गोगरा हाईट्स, हॉट स्प्रिंग और डेप्सांग प्लेन्स के टकराव वाले बिंदुओं से पीछे हटने पर चर्चा हुई है. कॉर्प्स कमांडर लेवल की यह बातचीत चीन के क्षेत्र में मॉल्डो में हुई है.
बता दें इस बातचीत से दो दिन पहले ही दोनों सेनाओं ने पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से अपनी सेनाएं पीछे की हैं. 11 फरवरी को ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में घोषणा करते हुए कहा था कि दोनों देश इस इलाके में एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसके तहत वहां सैनिकों की आगे तैनाती स्तरीकृत, समन्वय के साथ रोक जाएगा.
समझौते के मुताबिक चीन अपने सैनिकों को पैंगोंग त्सो के उत्तरी इलाके के फिंगर 8 इलाके के पूर्वी तरफ खींचेगा. वहीं भारतीय सैनिक फिंगर-3 स्थित अपनी स्थायी पोस्ट धन सिंह थापा पोस्ट में वापस आएंगे. झील के दक्षिणी किनारे पर भी ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी.
10वें दौर की बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे थे. मेनन लेह स्थित भारत की 14वीं कॉर्प्स के प्रमुख हैं. वहीं चीन की तरफ से आर्मी की दक्षिणी सिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख मेजर जनरल लिउ लिन बातचीत में शामिल हुए.
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