लद्दाख में भारत और चीन के सीनियर कमांडर्स की मीटिंग के सिर्फ 2 दिन बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हालात तनावपूर्ण हैं. एक तरफ तो चीन जहां हिंसक झड़प हुई थी वहां पैर जमा रहा है वहीं देपसांग के इलाके में भी नई घुसपैठ हुई है.
ताजा आए सैटेलाइट मैप दिखाते हैं कि 15 जून को गलवान घाटी में जिस जगह पर भारत और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी वहीं पर चीनी आर्मी ने कुछ एडिश्नल स्ट्रक्चर बना लिए हैं.
ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिछले एक हफ्ते में देपसांग के मैदानी इलाके में चीनी सेना की अतिरिक्ट टुकड़ियों का मूवमेंट देखा गया है. देपसांग गलवान घाटी के उत्तर में काराकोर्म दर्रे के पास स्थित है. रणनीतिक रूप से ये चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि दौलत बेग ओल्डी एयरफील्ड चीनी पोस्ट से 25 किमी. से भी कम दूरी पर स्थित है.
हालांकि नई दिल्ली के भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा है कि इन सैटेलाइट तस्वीरों को अभी वेरीफाई किया जाना है. क्या ये गलवान का पेट्रोल पॉइंट-14 वाला वही इलाका है जहां हिंसक झड़प हुई थी, इस सवाल पर अधिकारियों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
ट्विटर हैंडल @detresfa ने 22 जून को गलवान घाटी की तस्वीरें पोस्ट की. ये हैंडल मई से ही इलाके की सटीक तस्वीरें पोस्ट करता रहा है. इस मैप में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद चाइनीज बिल्डअप देखा जा सकता है. जो इमेज जारी की गई है उसमें उसमें डिफेंसिव पोजीशन बनी हुई प्रतीत हो रही हैं, जैसे दीवार और खाइयां बनाई गई हों.
दिल्ली के सूत्रों ने ट्रिब्यून को बताया है कि देपसांग मैदानों में सीरियस मूवमेंट हो रहा है. PLA बॉटलनेक कहलाने वाली जगह के करीब तैनात है. यहां से चीनी आर्मी भारतीय सेना के पेट्रोल पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 पर पाबंदी लगा सकता है. ये राकी नाला और जीवन नाला वाला इलाका है जहां पर 2013 में दोनों सेनाओं में तनातनी हुई थी.
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