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साल 2019-20 में 4.2% रहा GDP ग्रोथ रेट, 11 सालों में सबसे कम

पिछले साल 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत था

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कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ आंकड़े जारी किए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि साल 2019-20 का जीडीपी ग्रोथ पिछले 11 सालों के सबसे निचले स्तर 4.2 पर रहा है. वहीं इससे पिछले साल यानी 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत था.

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2019-20 की चौथी तिमाही में कॉन्स्टेन्ट प्राइस जीडीपी 38.04 लाख करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है. वहीं 2018-19 में यहीं आंकड़ा 36.90 लाख करोड़ था. इस तरह से सालाना कॉन्स्टेन्ट प्राइस जीडीपी में 3.1% की बढ़ोतरी हुई है.

क्या था सरकार का अनुमान?

केंद्र सरकार ने जीडीपी ग्रोथ को लेकर जनवरी 2020 में जो अनुमान लगाया था वो करीब 5% था. आर्थिक आंकड़ों का लेखा जोखा रखने वाली सरकारी संस्था राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने ये आंकड़े जारी किए थे. उन्होंने बताया था कि फाइनेंशियल ईयर 2020 के लिए सरकार का इकनॉमिक ग्रोथ का अनुमान 6.8 परसेंट से घटकर 5 परसेंट तक हो सकता है.

हालांकि तब कोरोना ने भारत में दस्तक नहीं दी थी. इसके बाद लगातार भारत में कोरोना के मामले बढ़ते चले गए और मार्च के आखिरी हफ्ते से लॉकडाउन लगाया गया. जो पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक्त से जारी है.

चिदंबरम ने साधा निशाना

पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जीडीपी ग्रोथ रेट को लेकर ट्वीट किए हैं. उन्होंने इसे लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना भी साधा. चिदंबरम ने कहा,

“याद रहे कि ये प्री लॉकडाउन का ग्रोथ रेट है. चौथी तिमाही में 91 दिन का है, जबकि इसमें लॉकडाउन के सिर्फ 7 दिन शामिल हैं. ये खुद ही बताता है कि बीजेपी सरकार का इकनॉमिक मैनजमेंट कैसा है.”
पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. साथ ही रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे. लेकिन भारत की जीडीपी इस अनुमान से भी कम रही है.

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