पिछले हफ्ते गुजरात हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की स्थिति की कालकोठरी से तुलना की थी. उसके कुछ दिन बाद इसी बेंच ने कहा था कि वो अस्पताल का दौरा करेगी. अब हाई कोर्ट की इस बेंच में बदलाव किए जाने की खबरें सामने आई हैं. इस बेंच की अध्यक्षता अब हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ करेंगे.
बेंच में बदलाव हफ्ते के आखिरी कामकाजी दिन में किया गया है. इस बेंच को COVID-19 से जुड़े सभी मुद्दों पर दायर की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करनी थी.
पूरा मामला क्या है?
22 मई को जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस आईजे वोरा की बेंच ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए अहमदाबाद सिविल अस्पताल की स्थिति पर टिप्पणी की थी. बेंच ने कहा था कि अस्पताल की दशा 'दयनीय है और एक कालकोठरी से भी बदतर है. कोर्ट ने ये भी पूछा था कि क्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बात का कोई अंदाजा भी है कि अस्पताल में क्या चल रहा है?
इस आदेश के बाद 25 मई को राज्य सरकार ने तुरंत सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की थी. याचिका में ये स्पष्ट करने की कोशिश की गई कि अस्पताल की हालत उतनी भी खराब नहीं है, जितना बेंच ने कहा था. हालांकि जस्टिस जेबी परदीवाला की बेंच ने कहा कि अभी सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता और बेंच एक दिन अस्पताल का दौरा करने जाएगी.
बेंच में बदलाव किए गए
जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस आईजे वोरा की बेंच इस जनहित याचिका पर 11 मई से सुनवाई कर रही थी. इससे पहले तक चीफ जस्टिस की बेंच ने इस याचिका पर सात बार सुनवाई की थी.
जब इस याचिका पर जस्टिस जेबी परदीवाला की बेंच ने सुनवाई शुरू की, तो प्रवासी मजदूर और अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत जैसे मुद्दों की मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान बेंच ने खुद ही लिया. 22 और 25 मई की सुनवाई के बाद अब इस बेंच में बदलाव कर दिया गया है.
गुजरात हाई कोर्ट में अभी दो डिवीजन बेंच काम कर रही हैं. 29 मई का रोस्टर आने पर पता चला कि जनहित याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच में अब चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेबी परदीवाला हैं. बेंच में चीफ जस्टिस के होने से जस्टिस परदीवाला जूनियर जज हो गए हैं.
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