करतारपुर गलियारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है लेकिन पूरा समझौता नहीं हो सका है. फिलहाल जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है उनके मुताबिक तीर्थयात्रियों को वीज़ा की जरूरत नहीं है. कॉरिडॉर से OCI कार्ड वाले भी जा सकते हैं. हर दिन पांच हजार और खास अवसरों पर इससे ज्यादा श्रद्धालु करतारपुर साहिब पहुंच सकेंगे. हालांकि पाकिस्तान यह पक्का करने में हिचकता रहा कि इन मौकों पर दस हजार श्रद्धालुओं को इजाजत दी जाएगी. दोनों देशों ने तय किया कि कॉरिडोर पूरे साल सप्ताह में सातों दिन खुला रहेगा.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने द क्विंट को उन बिंदुओं की जानकारी दी जिन पर दोनों देश सहमत हैं-
- किसी भी धर्म को मानने वाले भारतीय तीर्थयात्री करतारपुर साहिब जा सकेंगे. ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया यानी OCI कार्ड होल्डर भारतीय मूल के लोग भी इस कॉरिडोर से करतारपुर जा सकेंगे.
- हर दिन 5000 लोग कॉरिडोर करतारपुर कॉरिडोर से गुरुद्वारा पहुंच सकेंगे. विशेष अवसरों 5000 से अधिक तीर्थयात्री यहां की यात्रा कर सकेंगे. हालांकि यह पाकिस्तान के क्षमता विस्तार पर निर्भर करेगा. पाकिस्तान ने तीर्थयात्रियों के लिए क्षमता विस्तार का वादा किया है. लेकिन यह अभी पक्का नहीं है.
- कॉरिडोर पूरे साल सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा. तीर्थयात्री समूह या अकेले पैदल यहां पहुंच सकते हैं.
- दोनों ओर बूढ़ी रावी नहर पर ब्रिज बनाने पर सहमति हो गई है. पाकिस्तान की ओर ब्रिज का काम अधूरा है. दोनों देश अस्थायी सर्विस रोड बनाने के लिए तैयार हो गए हैं.
- दोनों ओर से मेडिकल इमरजेंसी के दौरान लोगों को निकालने प्रक्रिया पर सहमति बनी है. बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच डायरेक्ट लाइन पर बात होगी.
- दोनों देश तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने पर तैयार हैं. पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि तीर्थयात्रियों के साथ भारत से प्रोटोकोल अधिकारियों को जाने की अनुमति दी जाए
- पाकिस्तान की ओर से लंगर और प्रसाद बांटने का प्रबंध करने का पूरा भरोसा दिया गया है.
सर्विस फीस लेने पर अड़ा रहा पाकिस्तान
इन बिंदुओं पर सहमति तो बन गई लेकिन कुछ मुद्दों पर बात नहीं बन पाई. इसलिए फाइनल समझौता नहीं हो सका. पाकिस्तान करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पहुंचने के एवज में सर्विस फीस चार्ज करने पर अड़ा रहा. पाकिस्तान भारतीय कॉन्सुलर या प्रोटोकोल अफसरों की इजाजत देने से इनकार करता रहा. भारत ने पाकिस्तान से इन बिंदुओं पर दोबारा विचार करने को कहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान यह संकेत देने के लिए तैयार नहीं था कि वह विशेष अवसरों पर दस हजार श्रद्धालुओं की इजाजत देगा. ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान समझौता नहीं प्रोपगंडा करने आया है.
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