भारत annual global competitiveness index में 10 स्थान फिसलकर 68वें स्थान पर आ गया है. सिंगापुर ने अमेरिका को पीछे छोड़ कर पहले स्थान पर कब्जा जमा लिया है.‘वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम’ के इस सालाना इंडेक्स में भारत पिछले साल 58वें स्थान पर रहा था. भारत इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक है.
- स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान 109वां रहा. ये अफ्रीका के बाहर के देशों में सबसे खराब में से एक है.
- फोरम ने कहा कि भारत में पुरुष कामगारों की तुलना में महिला कामगारों का अनुपात 0.26 है. इस मामले में भारत का स्थान 128वां रहा.
- प्रतिस्पर्धिता की रैंकिंग में भारत के बाद श्रीलंका 84वें, बांग्लादेश 105वें, नेपाल 108वें और पाकिस्तान 110वें स्थान पर रहा.
फोरम ने 9 अक्टूबर को कहा कि मैक्रोइकनॉमिक स्टेबिलिटी और बाजार के आकार के मामले में भारत की रैंकिंग अच्छी है. वित्तीय क्षेत्र भी स्थिर है, लेकिन गलतियों के कारण बैंकिग सिस्टम प्रभावित हुई है.
इंडेक्स के मुताबिक, भारत का स्थान कंपनी संचालन के मामले में 15वां, शेयरधारक संचालन में दूसरा, बाजार आकार और रिन्यूएबल एनर्जी रेगुलेशन में तीसरा रहा. इनोवेशन के मामले में भी भारत का प्रदर्शन बाकी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर रहा और विकसित देशों के बराबर रहा.
हालांकि इंफॉर्मेशन, कम्यूनिकेशन और टेक्नोलॉजीको अपनाने में खराब प्रदर्शन, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र की खराब स्थिति और स्वस्थ जीवन की संभावना की खराब दर ने कई क्षेत्रों में अच्छे प्रदर्शन के असर को सीमित कर दिया.
स्टडी में कहा गया कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था, आर्थिक नरमी के लिए तैयार नहीं है. प्रतिस्पर्धिता रैंकिंग में सिंगापुर ने अमेरिका को हटाकर शीर्ष स्थान हासिल कर लिया. इसके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका, तीसरे पर हॉन्गकॉन्ग, चौथे पर नीदरलैंड और पांचवें पर स्विट्जरलैंड रहा.
BRICS देशों में चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही और वो 28वें स्थान पर रहा.
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