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#MeToo: गौरव सावंत ने कहा, आरोपों के खिलाफ अदालत जाएंगे

महिला पत्रकार ने लगाए जबरदस्ती करने के आरोप 

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भारत
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मीडिया में #MeToo के तहत सेक्सुअल हैरेसमेंट की घटनाओं के खुलासे की नई कड़ी के तहत इंडिया टुडे के पत्रकार गौरव सावंत पर आरोप लगे हैं. लेकिन गौरव ने कहा है कि वह आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार के खिलाफ अदालत जाएंगे.

इंडिया टुडे गुप्र में एक्जीक्यूटिव एडिटर गौरव ने कहा कारवां मैगजीन में छपे आर्टिकल में उनके खिलाफ लगाए गए सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप बेबुनियाद हैं. वो जल्द ही कानूनी मदद लेंगे.

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कारवां मैगजीन में छपे लेख में पत्रकार विद्या कृष्णन ने अपने साथ 2003 में हुई पूरी घटना के बारे में विस्तार से लिखा है.

क्या हैं आरोप?

विद्या के मुताबिक 2003 में वो मीडिया में नयी थी और उन्हें पायनियर की तरफ से उनके पहले असाइनमेंट के लिए एक मिलिटरी कैंप में भेजा गया था. उनके साथ जाने वाले कई सीनियर पत्रकारों में गौरव सावंत भी शामिल थे. विद्या के मुताबिक गौरव ने बस में उनके कंधे पर हाथ रखा और फिर धीरे-धीरे उसे आगे की तरफ ले आए. उन्हें ये साफ कर देने पर कि वो असहज महसूस कर रही हैं, वो नहीं हटे.

विद्या के मुताबिक ये सब सिर्फ उस बस में ही नहीं रुका. उस रात गौरव ने उन्हें मैसेज कर पूछा कि क्या वो उनके कमरे में आ सकते हैं. विद्या के मुताबिक टेक्स्ट में गौरव ने लिखा था कि “मेरा इरादा किसी शरारत का नहीं है”. विद्या ने ये भी लिखा कि गौरव उनके साथ बाथटब में जाना चाहते थे.

विद्या के मुताबिक उनके मना करने के बावजूद भी गौरव ने आकर कमरे का दरवाजा खटखटाया और कमरे में घुस गए और उनके साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया. विद्या ने बताया -

‘वह मुझे बाथटब में अपने साथ ले जाना चाहते थे. इसके बाद सावंत ने अपनी पैंट की जिप खोली. मुझे उस वक्त लगा कि वह मुझ पर जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे हैं. उसके बाद मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया’ 

रिपोर्ट में लिखा है कि जैसे ही विद्या की आवाज तेज हुई, गौरव वहां से हट गए. विद्या ने लिखा कि 'शायद उस वक्त उनके दिमाग में विचार आया होगा कि वह मेरा रेप नहीं कर सकते. इसलिए वो चले गए.'

विद्या का कहना है कि उस वक्त उन्होंने शिकायत इसलिए नहीं करी क्योंकि वो उनका पहला असाइनमेंट था और वो एक “ट्रबल मेकर” की तरह नहीं दिखना चाहती थीं.

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