पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर बढ़ रहे तनाव के बीच इंडियन एयरफोर्स के चीफ बीएस धनोआ ने बड़ा बयान दिया है. धनोआ ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स शॉर्ट नोटिस पर भी युद्ध के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, “भारतीय वायुसेना चीन से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.”
उन्होंने ये भी दावा किया कि एयरफोर्स दो फ्रंट पर भी जंग लड़ सकती है. एयरफोर्स डे के मौके पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर चीफ मार्शल धनोआ ने ये बातें कहीं.
इंडियन एयरफोर्स शॉर्ट नोटिस पर भी सेना और नेवी के साथ मिलकर युद्ध के लिए तैयार है. हमारी एयर फोर्स पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है. चीन के खिलाफ हमारे पास पर्याप्त क्षमता है.बीएस धनोआ, एयर चीफ मार्शल
धनोआ ने कहा कि शांति के समय में जवानों की मौत होना काफी चिंताजनक है. हम इसे कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं.
धनोआ ने दूसरे सवाल के जवाब में कहा कि एयरफोर्स किसी भी ऑपरेशन के लिए तैयार है, लेकिन किसी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन में एयरफोर्स को शामिल करने का फैसला सरकार को लेना है.
पाकिस्तान और चीन से युद्ध पर धनोआ ने कहा, “अभी तक हमने कभी दो फ्रंट पर एक साथ लड़ाई नहीं लड़ी है. लेकिन अगर दो फ्रंट पर लड़ाई होती है, तो हमें 42 स्क्वाड्रन की जरूरत होगी. लेकिन हमारे पास जो संख्या है, उसके साथ भी लड़ाई में सक्षम हैं.”
एयर फोर्स चीफ धनोआ के मुताबिक, चीन की एयरफोर्स सिर्फ गर्मी के मौसम में ही ऑपरेशन करती है और सर्दी के समय पीछे हटने लगती है. जबकि इंडियन एयरफोर्स सर्दी में भी ऑपरेशन के लिए तैयार है.
इससे पहले आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने 6 सितंबर को सेना से दो मोर्चों पर लड़ाई के लिए तैयार रहने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि चीन ने 'आंख दिखाना ' शुरू कर दिया है, जबकि पाकिस्तान के साथ सुलह की भी कोई गुंजाइश नजर नहीं आती.
डोकलाम तनाव अब भी बरकरार
वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने इस बात के संकेत भी दिये कि डोकलाम में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच तनाव अब भी बरकरार है. चीनी सैनिक अब भी डोकलाम पठार में स्थित चुंबी घाटी में मौजूद हैं. इस मामले का शांतिपूर्ण समाधान दोनों देशों के हितों में है.
उन्होंने यह भी कहा कि 70 दिनों के लंबे डोकलाम गतिरोध के दौरान आसमान में दोनों सेनाओं के बीच किसी तरह का आमना-सामना नहीं हुआ और न ही किसी तरह का उल्लंघन हुआ.
उन्होंने कहा कि अगर वायुसेना सीमा पार करती है, तो युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वायुसेना ने पिछले साल सर्जिकल स्ट्राइक और डोकलाम गतिरोध के दौरान सेना को किसी तरह की मदद दी थी, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना से जो करने को कहा गया था, वह उसने किया. उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)