युद्ध तैयारियों का जायजा लेने के लिए इंडियन एयरफोर्स अपना सबसे सैन्य अभ्यास को अंजाम देने जा रही है. दिलचस्प यह है कि भारत यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर करेगा. गगन शक्ति 2018 नाम का यह सैन्य अभ्यास 10 से 23 अप्रैल तक चलेगा. सैन्य अभ्यास बिल्कुल युद्ध के माहौल की तरह किया जाएगा, जिसमें साजोसामान 48 घंटे में सैन्य ठिकानों पर पहुंच जाएंगे.
वायुसेना इस तैयारी के लिए 1100 से ज्यादा लड़ाकू, परिवहन और रोटरी विंग (हेलिकॉप्टर) एयरक्राफ्ट को इस अभ्यास में शामिल करेगी. इस अभ्यास में पहली बार भारत का स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस भी हिस्सा लेगा. नौसेना का मैरीटाइम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मिग 29 भी शामिल होगा.
एयर कॉम्बैट ऑपरेशंस के दौरान गुजरात के भुज से असम की ओर विमान उड़ान भरेंगे और बमबारी करेंगे. असम से एयरक्राफ्ट राजस्थान के रेगिस्तान की ओर उड़कर बमबारी को अंजाम देंगे. इसके साथ ही सैनिकों की टुकड़ी और सैन्य साजोसामान का इंटर-वैली ट्रांसफर भी होगा.
इंडियन एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यह युद्धाभ्यास 20 हजार फीट की ऊंचाई से लेकर गर्म रेगिस्तान और समुद्री हालात में भी किया जाएगा. हम एयर फोर्स की सभी फायरिंग रेंज का इस्तेमाल कर रहे है. वायु सेना के जेट अलग-अलग तरह के ग्राउंड पर उतरेंगे.
हमले का अभ्यास
अभ्यास के दौरान 1100 विमान एक दिन में 3-4 बार हमले की कार्रवाई को अंजाम देंगे. इस तरह से एक दिन में कुल आंकड़ा 3300 से 4400 तक पहुंच जाएगा. इस युद्धाभ्यास के मकसद को पूरा किया जा सके, इसके लिए हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) अपने टेक्निशंस को बेस पर तैनात रखेंगी. इतना ही नहीं, डिफेंस असेट्स के अलावा इस सबसे बड़े युद्धाभ्यास में रेलवे और नागरिक विमानन क्षेत्र के मैनपावर व मशीनरी का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
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