संसद में बुधवार, 20 जुलाई को सरकार ने बताया कि 3.9 लाख से ज्यादा भारतीयों ने पिछले तीन सालों में नागरिकता छोड़ी (Indians Gave Up Citizenship) है. वहीं अमेरिका (US), नागरिकता छोड़ने वालों के लिए सबसे पसंदीदा देश हैं जहां वे रहना चाहते हैं.
इसके अलावा गृह मंत्रालय की ओर से जानकारी मिली कि साल 2021 में 1.63 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी, इनमें से 78,284 लोग अमेरिका जा कर बस गए.
वहीं 2019 में भारत की नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या 1.44 लाख रही जो कि 2020 में घटी है जब दुनिया भयंकर कोरोना महामारी से जूझ रही थी. हालांकि 2021 में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या फिर बढ़ गई.
बीएसपी सांसद हाजी फजलुर रहमान के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि विदेश मंत्रालय के अनुसार भारतीय नागरिकों ने "अपने व्यक्तिगत कारणों से" नागरिकता त्याग दी है.
आंकड़ों के अनुसार, नागरिकता छोड़ने वालों में से 7,046 ने सिंगापुर, 3,754 ने स्वीडन 170 ने बहरीन, 2 ने अंगोला, 21 ने ईरान और एक ने इराक की नागरिकता ली है. 1,400 से ज्यादा लोगों ने चीन और 48 लोगों ने पाकिस्तान की नागरिकता ली है.
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