पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर बड़ी राहत मिली है. सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम की जमानत के खिलाफ दूसरी याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. जमानत मिलने के बाद से ही सीबीआई लगातार कोर्ट में चिदंबरम की गिरफ्तारी की मांग कर रही है. जस्टिस भानुमति की बेंच ने सीबीआई की खुली अदालत में सुनवाई की मांग को भी खारिज कर दिया.
सीबीआई के अलावा ईडी भी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती चिदंबरम की गिरफ्तारी की लगातार कोशिश कर रही है.
इसी आईएनएक्स मीडिया मामले को लेकर बुधवार 3 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की. इस चार्जशीट में ईडी ने दोनों को आरोपी बनाया है.
106 दिन बाद मिली थी जमानत
बता दें कि इसी मामले को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद वो पूरे 106 दिन तक तिहाड़ जेल में रहे. सीबीआई वाले मामले के बाद हिरासत के दौरान ही उन्हें ईडी ने आईएनएक्स मीडिया केस के मनी लॉन्ड्रिंग वाले मामले में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद आखिरकार 5 दिसंबर 2019 को वो तिहाड़ जेल से बाहर आए.
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को तब कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पी चिदंबरम इस मामले को लेकर बयान नहीं दे सकते हैं. इसके अलावा चिदंबरम को ये हिदायत भी दी गई है कि वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों पर दबाव नहीं बना सकते हैं.
क्या हैं आरोप?
सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किया था. इससे पहले सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी कोष प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में गड़बड़ी की गयी थी. इसके बाद ईडी ने 2017 में इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
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