आईआरसीटी घोटाला मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है. पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले की हुई सुनवाई में कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए के बॉन्ड पर सभी आरोपियों को जमानत दे दी.
सीबीआई ने इस मामले में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 6 अक्टूबर को पेशी के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है.
पटियाला हाउस कोर्ट ने दी जमानत
आईआरसीटीसी घोटाला मामले में पटिलाया हाउस अदालत ने आरजेडी चीफ लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों को 31 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए समन भेजा था. राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी शुक्रवार सुबह कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्हें जमानत दे दी गई.
IRCTC घोटालाः क्या है मामला?
मामला आईआरसीटीसी के रांची और पुरी के दो होटलों के रख रखाव का टेंडर 2006 में एक निजी कंपनी को देने से जुड़ा है. सीबीआई का आरोप है कि लालू जब रेलमंत्री थे, तब रेलवे के होटल के आवंटन को लेकर उन्होंने गड़बड़ियां की थी. इसमें कथित तौर पर ठेके के बदले में रिश्वत के रूप में पटना के प्रमुख जगर पर तीन एकड़ व्यावसायिक जमीन देने की बात कही गई है.
सीबीआई के आरोप के मुताबिक, लालू प्रसाद ने बतौर रेल मंत्री अपने कार्यकाल के दौरान इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन की दो होटलों की रख रखाव का जिम्मा उसी कंपनी को दिया था. इसके लिए रेलवे ने टेंडर निकाले थे. ये टेंडर सुजाता प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए.
आरोप है कि सुजाता होटल्स को दो होटलों का टेंडर दिए जाने के एवज में प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी डिलाइट को दो एकड़ जमीन मिली और बाद में ये कंपनी लालू परिवार को ट्रांसफर हो गई. 2010 और 2014 के दौरान जब लालू यादव रेल मंत्री नहीं थे तो 32 करोड़ की ये जमीन 65 लाख रुपये में लालू यादव के परिवार की कंपनी मैसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी को ट्रांसफर की गई.
ईडी ने अपने चार्जशीट में लालू की पार्टी के नेता पी सी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, लारा प्रोजेक्ट्स नामक कंपनी और 10 अन्य लोगों को रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) होटल के मामले में आरोपी बनाया है.
सभी आरोपियों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. सीबीआई ने अप्रैल में आईआरसीटी होटल रखरखाव ठेका मामले में 12 लोगों और दो कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. बाद में इस मामले में 31 को आरोपी बनाया गया.
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