भारतीय रेलवे ने नई रिफंड पॉलिसी जारी की है. रेलवे ने कहा कि कोरोना वायरस के लक्षण होने के चलते जिन यात्रियों को सफर करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, उन्हें टिकट के पूरे पैसे रिफंड किये जाएंगे.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच की जाएगी और केवल ऐसे लोगों को ही ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं होंगे.
यात्रियों को नई पॉलिसी के तहत रिफंड इन परिस्थितियों में मिलेगा
- एक पीएनआर पर एक यात्री होंगे.
- एक सामूहिक टिकट पर अगर एक यात्री यात्रा करने के लिए अयोग्य पाया जाता है और उसी पीएनआर पर अन्य सभी यात्री भी यात्रा नहीं करना चाहते हैं, तो सभी यात्रियों के के टिकट का पूरा पैसा वापस किया जाएगा.
- एक सामूहिक टिकट पर अगर एक यात्री यात्रा करने के लिए अयोग्य पाया जाता है और अन्य यात्री ट्रैवल करना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में ट्रैवल नहीं करने वाले यात्री के टिकट का पूरा पैसा वापस किए जाएगा.
इन सभी मामलों में जांच के बाद TTE द्वारा प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे और आपको यात्रा की तारीख से 10 दिनों के भीतर ऑनलाइन टीडीआर फाइल करना होगा.
वहीं रेलवे ने 22 मई से शुरू होने यात्राओं के लिए 15 मई से टिकटों की बुकिंग में वेटिंग लिस्ट में टिकट बुक कराने की व्यवस्था शुरू कर दी है.
रेलवे ने इन ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची की सीमा एसी थ्री टायर के लिए 100, एसी टू टायर के लिए 50, स्लीपर क्लास के लिए 200, चेयर कार के लिए 100 और फर्स्ट एसी तथा एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 20-20 तय की है.
यात्रियों के लिए स्पेशल पैसेंजर ट्रेन
रेलवे ने 12 मई से यात्रियों के लिए 15 जोड़ी ट्रेनों को शुरू किया है. इसमें से कुछ ट्रेनें रोज चलेंगी, कुछ हफ्ते में दो बार और कुछ तीन बार. देशभर में करीब डेढ़ महीने के लॉकडाउन के बाद, रेलवे ने 12 मई से 15 जोड़ी स्पेशल पैसेंजर ट्रेनें शुरू की हैं.
ये ट्रेनें नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद, जम्मू तवी के लिए चल रही हैं.
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