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ISRO ने की GSLV-6A से संपर्क टूटने की पुष्टि

सेटेलाइट की कीमत 270 करोड़ रुपये थी. गुरूवार को हुआ था लॉन्च

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भारत के लिए अंतरिक्ष से एक बुरी खबर है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) का GSAT-6A से कांटेक्ट टूट गया है. GSAT-6A को गुरूवार को ही छोड़ा गया था. कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कांटेक्ट टूटने का मुख्य कारण पॉवर सिस्टम का खराब होना बताया जा रहा है.

शुक्रवार को सुबर 9 बजकर 22 मिनट पर सेटेलाइट ने पहले ऑर्बिट (कक्षा) में एंट्री कर ली थी. शनिवार को 10 बजकर 51 मिनट पर इसे दूसरे ऑर्बिट में एंट्री लेनी थी.

यह चरण सफल भी रहा. इसके करीब चार मिनट बाद तक एजेंसी को डेटा मिलता रहा. लेकिन इसके बाद कनेक्शन कट गया. सेटेलाइट को एक अप्रैल को तीसरी और अंतिम बार इंजन की मदद से अपने आखिरी टार्गेट पर पहुंचना था और फिर ऑर्बिट में चक्कर लगाना शुरू हो जाता. इसरो का कहना है कि एजेंसी सेटेलाइट से दोबारा कांटेक्ट बनाने की कोशिश कर रही है.

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शनिवार को कांटेक्ट कट जाने के बाद इसरो चेयरमैन के सिवान ने वैज्ञानिकों के साथ लंबी मीटिंग की. सिवान हाल में ही चेयरमैन बने हैं. उनके चेयरमैन बनने के बाद ये पहला लॉन्च था. हांलाकि इस मिशन का डेवल्पमेंट उनके कमांड संभालने से पहले ही चुका था.

GSAT-6A एक ताकतवर सेटेलाइट था, जिसकी उम्र करीब 10 साल थी. यह भारत में मोबाइल कम्यूनिकेशन में मल्टीबैंड कवरेज सुविधा देने वाला था. सेटेलाइट S बैंड में 5 और C बैंड में एक बीम की कवरेज देता.

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सेटेलाइट में 6 मीटर लंबा एंटीना उपयोग किया गया था. यह इसरो का सबसे लंबा उपयोग किया गया एंटीना था. सेटेलाइट को सैन्य जरूरतों के लिए भी कम्यूनिकेशन का काम करना था.

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दूसरे राउंड के बाद से ही इसरो ने सेटेलाइट के डेवल्पमेंट के बारे में अपडेट नहीं दिया था. शनिवार को दिन भर और रविवार दोपहर तक यही स्थिति बनी रही. आमतौर पर हर राउंड के बाद इसरो हर सेटेलाइट के बारे में जानकारी को शेयर करता है.

पिछले 6 महिनों में फेल होने वाला इसरो का यह दूसरा मिशन है. इससे पहले PSLV-39 हीट शील्ड फेल होने के चलते असफल हो गया था. इसके जरिए नेविगेशन सेटेलाइट IRNSS-1H को ऑर्बिट में छोड़ा जाना था.

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