दावा
चंद्रयान-2 मिशन को लगे झटके के बाद यूट्यूब के एक वीडियो में दावा किया गया कि चंद्रयान-2 का संपर्क लैंडर विक्रम से हो गया है. 10 सितंबर को ‘Next News'की ओर से यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो का कैप्शन था ‘CHANDRAYAN का लैंडर से सम्पर्क हो गया है’.
वीडियो में एक ट्वीट का इस्तेमाल किया गया है, जिसके बारे में कहा गया है इसे इसरो ने शेयर किया है. इसमें दावा किया गया है कि चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम से संपर्क हो गया है. इसमें कहा गया है कि कनेक्शन bubbling कर रहा है. हम इसे फिक्स कर रहे हैं. इस वीडियो में दस लाख एंगेजमेंट हैं और इस स्टोरी लिखे जाने तक 6 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था.
सच्चाई क्या है?
दस सितंबर को इसरो ने ट्वीट किया था कि हालांकि चंद्रयान के ऑर्बिटर ने विक्रम को ढूंढ़ निकाला है लेकिन लेकिन इससे कोई संपर्क नहीं हो सका है. इसरो के हैंडल से आखिरी बार यही ट्वीट किया गया है.
यूट्यूब वीडियो में इस्तेमाल किए गए ट्वीट को देखने से पता चला कि @isro और JUST NOW का फॉन्ट साइज और स्टाइल अलग था.
वीडियो के ट्वीट में Just Now का जो टाइम स्टैम्प है, वह अगर तुरंत शेयर किया जाता है तो दिखता नहीं है. लेकिन यहां दिख रहा था.
ऐसी खबरें थीं कि नासा विक्रम को रेडियो सिग्नल भेज रहा. इसरो के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया था कि विक्रम से दोबारा कम्यूनिकेशन स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. यह कोशिश 21-22 सितंबर तक चलेगी. क्योंकि उस समय तक विक्रम जहां उतरा है वहां सूरज की रोशनी होगी
कहां से लिया गया है वीडियो फुटेज?
पहली तस्वीर
विक्रम के चंद्रयान से संपर्क की फेक न्यूज फैलाने के लिए जिस फुटेज का इस्तेमाल किया गया वह नासा के Curiosity Rover का एनिमेशन है. यानडेक्स सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हुए रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि बीबीसी की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें यही फुटेज थी.
जब हमने ‘NASA Curiosity Rover’ की वर्ड सर्च किया तो ‘NASA Jet Propulsion Laboratory’ की ओर से 2011 में अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. इस वीडियो में NASA के Mars Science Laboratory Mission का एनिमेशन था.
दूसरी तस्वीर
दूसरी तस्वीर में चांद पर गड्ढा दिखाया गया है. यह भी नासा की ओर से रिलीज की गई थी. रिवर्स सर्च से पता चला कि यह वीडियो यू ट्यूब पर मार्च 2012 को NASA Goddard ने अपलोड किया था.
तीसरी तस्वीर
इस तस्वीर के रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि इसे जुलाई में लिफ्ट-ऑफ से पहले चंद्रयान मिशन-2 को समझाने में इस्तेमाल हुआ था. हमें इस दौरान डीडी न्यूज का वीडियो मिला जिसे इसी फुटेज में इस्तेमाल किया गया था.
इससे साफ हो गया है इसरो के लैंडर विक्रम से चंद्रयान मिशन-2 से संपर्क स्थापित करने के बारे में फेक न्यूज फैलाई गई.