ADVERTISEMENTREMOVE AD

ISRO ने रचा इतिहास,छात्रों का बनाया सैटेलाइट ‘कलाम सैट’ किया लॉन्च

‘कलाम सैट’ की लॉन्चिंग पीएसएलवी-सी44 रॉकेट के जरिए हुई है

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

इंडियन स्पेस एजेंसी (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रचा है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर में गुरुवार देर रात (11:37pm) इसरो ने छात्रों का बनाया सबसे हल्का सैटेलाइट 'कलाम सैट' लॉन्च कर दिया है.

छात्रों ने इस सैटेलाइट का नाम पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर 'कलाम सैट' रखा गया है. इसका वजन करीब 1.2 किलोग्राम है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसरो इस सैटेलाइट को पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लांच व्हिकल) के जरिए कलामसत नामक कक्षा में पहुंचाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पेस किड्ज नाम की निजी संस्था के छात्रों ने इसे तैयार किया है. इसे सैटेलाइट को वायरलेस कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

'कलाम सैट' की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर इसरो के चीफ के सिवन ने कहा, "भारत में इसरो सभी छात्रों के लिए खुला है. आप अपना सैटेलाइट लेकर आइए और हम इसे आपके लिए लॉन्च करेंगे. चलिए, हम भारत को एक साइंस-फेयरिंग राष्ट्र बनाए."

माइक्रोसैट-आर की भी हुई लॉन्चिंग

'कलाम सैट' की लॉन्चिंग पीएसएलवी-सी44 रॉकेट के जरिए हुई है. पीएसएलवी-सी44 के साथ श्रीहरिकोटा सेंटर में माइक्रोसैट-आर भी सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. माइक्रोसैट-आर अंतरिक्ष में रहकर पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है. ये पीएसएलवी की 46वीं उड़ान है.

‘कलाम सैट’ की लॉन्चिंग पीएसएलवी-सी44 रॉकेट के जरिए हुई है
पीएसएलवी-सी44 रॉकेट
(फोटो: PTI)

इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी44 740 किलोग्राम वजनी माइक्रोसैट-आर को लॉन्चिंग के करीब 14 मिनट बाद 274 किलोमीटर ध्रुवीय सूर्य तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित कर दिया. इसके बाद ये 10 सेंटीमीटर के आकार और 1.2 किलोग्राम वजन वाले कलामसैट को और ऊपरी कक्षा में स्थापित करेगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×