करीब एक महीने पहले नंदा देवी ईस्ट चोटी पर चढ़ने के दौरान लापता हुए विदेशी पर्वतारोहियों में से सात लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. आइटीबीपी के एक दल ने रविवार, 23 जून को बर्फ से सात शव बाहर निकाले.
आइटीबीपी के उपमहानिरीक्षक एपीडी निंबाडिया ने बताया कि आइटीबीपी की दस सदस्यीय टीम ने पिंडारी ग्लेशियर की तरफ नंदा देवी ईस्ट की पश्चिमी चोटी पर बर्फ के अंदर दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को खोद कर बाहर निकाल लिया है. इन शवों में से एक महिला पर्वतारोही का भी शव है. उन्होंने बताया कि आठवें पर्वतारोही के शव की तलाश की जा रही है.
10 मई को, 12 पर्वतारोहियों का एक दल नंदा देवी ईस्ट (सुनंदा देवी) और उसके पास की एक चोटी पर चढ़ाई के लिए निकला था. इसके बाद ये ग्रुप 4 और 8 सदस्यों के दो ग्रुप में बंट गया था. 12 लोगों के इस दल में एक भारतीय गाइड भी शामिल था.
निंबाडिया ने बताया कि 17800 फुट की उंचाई पर स्थित पहाडी से शव निकालने के लिए अभियान एक सप्ताह पहले शुरू किया गया था. उन्होंने कहा कि 'डेयर डेविल' नाम के इस अभियान में भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली गई है.
शवों की अभी पहचान नहीं हुई है. आधार शिविर लाने के बाद ही उनकी पहचान करना संभव हो पाएगा.एपीडी निंबाडिया, उपमहानिरीक्षक, आइटीबीपी
3 जून को बर्फ से ढके मिले थे पांच शव
पर्वतारोहियों की तलाश के लिए तीन जून को गए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने नंदा देवी ईस्ट चोटी के पास स्थित एक अनाम चोटी पर पांच शवों को देखा था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया और उन शवों को नहीं निकाला जा सका.
जाने-मानें ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित 7434 मीटर ऊंची नंदा देवी ईस्ट चोटी को फतेह करने निकली थी, लेकिन रास्ते में ही लापता हो गई थी.
मोरान पहले भी दो बार इस चोटी को फतेह कर चुके हैं.
लापता पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली स्थित ‘इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन’ (IMF) के लाइजन अफसर चेतन पांडे भी शामिल हैं. टीम 13 मई को मुनस्यारी से निकली थी, लेकिन 25 मई की तय तारीख तक वापस नहीं लौटी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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