जैश-ए-मोहम्मद के एक गिरफ्तार आतंकी ने खुलासा किया है कि उसने पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के ऑफिस की रेकी की थी. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से यह बात बताई गई है.
दिल्ली और श्रीनगर में मौजूद अधिकारियों ने बताया है कि 6 फरवरी को गिरफ्तार किए गए शोपियां निवासी जैश ऑपरेटिव हिदायत-उल्लाह मलिक से पूछताछ के दौरान डोभाल के ऑफिस की एक डीटेल्ड रेकी वीडियो के बारे में पता चला था.
मलिक, जो एक जैश फ्रंट ग्रुप लश्कर-ए-मुस्तफा का चीफ है, को अनंतनाग में गिरफ्तार किया गया था, और उसके कब्जे से हथियार और गोला बारूद पाए गए थे.
मलिक ने पूछताछ के दौरान बताया कि 24 मई 2019 को उसने NSA के ऑफिस का वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए श्रीनगर से नई दिल्ली के लिए इंडिगो की एक फ्लाइट पकड़ी थी. इसके बाद उसने वॉट्सऐप के जरिए वीडियो को पाकिस्तानी हैंडलर को भेजा था. इस हैंडलर का जिक्र सिर्फ ‘’डॉक्टर’’ के तौर पर ही किया गया.
इस आतंकी ने बताया कि उसने सरदार पटेल भवन समेत दिल्ली में बाकी टारगेट्स की भी रेकी की थी. NSA डोभाल की जैश प्रमुख मसूद अजहर के साथ लंबी लड़ाई रही है. उन्होंने साल 1994 में अजहर की गिरफ्तारी के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो के ज्वाइंट डायरेक्टर के तौर पर उससे पूछताछ की थी और 1999 में IC-88 हाईजैक के बाद उसे कंधार एयरपोर्ट भी पहुंचाया था.
डोभाल, जो 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हमले के बाद से पाकिस्तानी आतंकी समूहों का निशाना रहे हैं, भारत के सबसे प्रोटेक्टेड लोगों में से एक माने जाते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि NSA को खतरे की आशंका की बारे में सुरक्षा एजेंसियों और केंद्रीय गृह मंत्रालय को बता दिया है.
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