जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के अगले दिन 16 दिसंबर सोमवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान डीयू छात्रों ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया और जामिया-अलीगढ़ यूनिवर्सिटी छात्रों ने प्रदर्शन का समर्थन किया. डीयू छात्रों ने पुलिस पर पिटाई करने का आरोप भी लगाया है. साथ ही छात्रों का कहना है कि ABVP के लोगों ने भी उनके साथ मारपीट की, तब पुलिस वहां खड़ी थी लेकिन पुलिस ने कोई सुरक्षा नहीं दी.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने क्विंट से कहा, "हम सुबह एग्जाम देने आए थे. वहां 10-15 छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. तभी अचानक पुलिस आ गई और छात्रों को उठाकर फेंकना शुरू कर दिया. उसके बाद हमने फैसला लिया कि जामिया में हुई हिंसा के खिलाफ हमें भी प्रदर्शन करने की जरूरत है.”
“इसके बाद हम 60-70 छात्र इकट्ठे हुए और बैठकर नारे लगाने लगे. हम शांतिपूर्ण तरीके से नारे लगा रहे थे. हमने करीब डेढ़ घंटे तक नारे लगाए. लेकिन उसके बाद ABVP के चार गुंडे आए और डंडे से हमे मारने लगे. लड़कियों को भी घसीट घसीटकर मारा गया.”दिल्ली यूनिवर्सिटी का एक छात्र
'हमें पुलिस ने कोई सुरक्षा नहीं दी'
प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, "हमने उन ABVP के गुंडों को पुलिस से बात करते हुए देखा है. पुलिसवाले उन्हें नाम ले लेकर पुकार रहे थे." एक दूसरे छात्र कि पुलिस के करीब 100 जवान तैनात थे, लेकिन किसी ने उन एबीवीपी के लोगों से कुछ नहीं कहा. पुलिस के होते हुए उन लोगों की हिम्मत कैसे हो जाती है?
छात्रों को जबरन परीक्षा देने से रोका गया: डूसू
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष अक्षित दहिया ने दावा किया कि कुछ छात्र समूहों ने छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से जबरन रोका. एक बयान में आरोप लगाया गया है कि जब छात्र परीक्षा हॉल में एंट्री करने के लिए मौके पर पहुंचे तो कुछ छात्रों के कुछ ग्रुप ने उन पर हमला किया.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में फिलहाल ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन के छात्रों के एग्जाम चल रहे हैं. कुछ मुट्ठी भर छात्र दावा किया कि ये परीक्षाएं बाद में होंगी.
लेफ्ट के छात्रों के साथ बाहरी तत्वों ने मारपीट की: ABVP
वहीं बीजेपी से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ABVP ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुई झड़प की निंदा करते हुए कहा है कि यूनिवर्सिटी में किसी तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं है. ABVP ने एक बयान में कहा, "लेफ्ट से संबंधित छात्र संगठनों के द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान आम छात्रों को जबरदस्ती परीक्षा देने से रोका गया और उनके साथ हिंसा की गई. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पदाधिकारी जब प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करने के लिए गए तो प्रदर्शन में शामिल बाहरी तत्वों ने उनके साथ भी मारपीट करने की कोशिश की. विश्वविद्यालयों में किसी भी प्रकार की हिंसा की कोई जगह नहीं है."
ABVP ने कहा, "बातचीत के जरिए स्थिति को सुधारने की जरूरत है और इस प्रकार की घटनाएं तुरंत बंद होनी चाहिए. लेफ्ट और एनएसयूआई में छात्रों को भ्रमित करने की प्रवृत्ति रही है. इसी प्रवृत्ति से परेशान होकर वह हम पर गलत आरोप लगा रहे हैं."
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