15 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी में हुई पुलिस की कार्रवाई में करीब 100 से अधिक छात्र घायल हुए, जामिया में LLM कर रहे मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन का आरोप है कि पुलिस की लाठी ने उनकी आंखों की रोशनी ले ली. मिन्हाजुद्दीन कहते हैं आखिर उनका क्या कसूर था कि उन्हें अंधा बना दिया गया.
15 तारीख को मैं जामिया सेंट्रल लाइब्रेरी में पढ़ रहा था, तभी शोर- शराबा हुआ और पता चला कि पुलिस कैंपस में घुस आयी है. जिसके बाद लगभग 20-25 पुलिसवाले लाइब्रेरी में घुसे और अंधाधुन लाठी बरसाना शुरू कर दिया. मैंने बचने के लिए हाथ आगे किया, उन्होंने इतनी जोर से मारा कि मेरा हाथ फ्रैक्चर हो गया. फिर पुलिस ने लाठी से मेरे आंख पर मारा जिसके बाद मैं बचने के लिए बाथरूम की तरफ भागा.मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन , LLM छात्र
अभी हालत कैसी है ?
मेरे एक आंख की रोशनी चली गयी है , डॉक्टर ने कहा कि इस आंख का असर दूसरे आंख पर भी पड़ेगा , हो सकता है कि एक दो साल में मैं पूरी तरह से अंधा हो जाऊं.
आखिर मेरा क्या कसूर ?
मिन्हाजुद्दीन ने आगे कहा मुझे न्याय चहिये, जामिया की तरफ से भी अभी तक कोई नहीं आया , मैं अपना प्राइवेट एम्बुलेंस करके पैसा देकर खुद AIIMS आया, मेरी स्थिति क्रिटिकल है अभी तक डॉक्टर ने डिस्चार्ज के बारे में कुछ नहीं बताया है.
क्या था मामला?
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 15 दिसंबर को साउथ दिल्ली में बड़े पैमाने का प्रदर्शन हुआ. इस दौरान दिल्ली पुलिस यूनिवर्सिटी कैंपस में दाखिल हुई और छात्रों पर लाठी चार्ज किये और आंसू गैस के गोले दागे. जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि पुलिस उनके कैंपस में बिना इजाजत के जबरदस्ती घुसी और छात्रों को पीटा.
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