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"मैं बताता हूं, सरकार क्यों लाई महिला आरक्षण बिल"- JDU अध्यक्ष ललन सिंह

महिलाएं जान गईं हैं, आप भारी जुमलेबाज हैं: ललन सिंह

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JDU अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने महिला आरक्षण (Women Reservation Bill) के लिए लाए गए नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि "केंद्र की मोदी सरकार को 'महिला सशक्तिकरण से कोई मतलब नहीं है. उन्हें 'कुर्सी से मतलब है. कुर्सी बचाने के लिए ये कोई भी जुमलेबाजी कर सकते हैं. आप महिलाओं को छलने का काम करेंगे. महिलाएं जान गई हैं कि आप भारी जुमलेबाज हैं."

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ललन सिंह ने कहा कि आप गंभीर होते तो "2021 में जाति आधारित जनगणना कराते. आपने जनगणना शुरू कराया होता तो अभी तक हो गया होता."

"बिहार पहला राज्य है जहां 2005 में सरकार बनी और महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी और 2016 में राज्य सरकार की सारी सेवाओं में 35 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया. आपकी तरह साढ़े चार 4 साल इंतजार नहीं करते रहे."

उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि "हमारी पार्टी नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का समर्थन करती है और इसलिए क्योंकि हमारा विश्वास है महिला सशक्तिकरण में, लेकिन सरकार ने जो बिल लाया है उनकी मंशा महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में आरक्षण देना नहीं है, बल्कि जो 26 पार्टियों का INDIA गठबंधन बना है उसका पैनिक रिएक्शन है. ये सबसे बड़ा जुमला है. 2024 का चुनाव जुमला है."

"महिलाओं को छलने का कर रहें काम"

जदयू अध्यक्ष ने आगे कहा "ये इस बार महिलाओं को छलने का काम कर रहे हैं. 2014 में इन्होंने देश के बेरोजगारों को छला, 2 करोड़ रोजगार का वादा करके. 2014 में इन्होंने देश के गरीबों को छला. काला धन लाएंगे, सबके खाते में 15 लाख रुपए पहुंचाएंगे. और इसबार इस देश की महिलाओं को छलना चाहते हैं."

जाति जनगणना नहीं कराने पर घेरा

उन्होंने आगे कहा "अगर इनकी मंशा महिलाओं के सशक्तिकरण की होती तो, 2021 में इन्होंने जाति आधारित जनगणना प्रारंभ करा दी होती. क्योंकि, इस देश की मांग है कि आप जाति आधारित जनगणना कराएं."

"लेकिन, आप नहीं करा रहे हैं क्योंकि आपका गरीबों, पिछड़ों, अति पिछड़ों के प्रति न्याय करने में आपका विश्वास नहीं है. इसलिए आपने जाति आधारित जनगणना नहीं कराई. अगर आपने शुरू कराया होता तो आजतक जनगणना खत्म हो गई होती और आज लागू हो गया होता. महिलाएं और इस देश की जनता ये जान गई है कि आप भारी जुमलेबाज हैं, इसलिए महिलाओं को आप पर भरोसा नहीं है."

ललन सिंह ने आरोप लगाया कि जो आपकी सरकार पीछे से चलाते हैं, उन्होंने क्या कहा था. मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण पर पुर्नविचार होना चाहिए. आरक्षण कोई आपके कृपा से है. आरक्षण संविधान के प्रावधानों के अनुसार है.

जदयू अध्यक्ष ने मांग की कि सरकार ने जो बिल लाया है, इसमें भी OBC, SC-ST महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. ये नारी शक्ति वंदन की बात करते हैं, ये नारी की नहीं बल्की अपना वंदन कर रहे हैं और अपनी कुर्सी का वंदन कर रहे हैं, अपनी सत्ता का वंदन कर रहे हैं.

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