ADVERTISEMENTREMOVE AD

जेवर एयरपोर्ट:‘धोखा’ खा चुके किसानों को इस बार सरकार पर भरोसा नहीं

जेवर एयरपोर्ट के लिए इलाके के 70% किसान सहमति दे चुके हैं, लेकिन 30%अपनी जमीन नहीं देना चाहते, उनका कहना क्या है?

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

ललित को अब भी यमुना एक्सप्रेसवे के लिए दी गई अपनी जमीन के पूरे मुआवजे का इंतजार है. करीब 10 साल बाद सरकारी अधिकारी एक बार फिर ललित के दरवाजे पर हैं. इस बार वो जेवर एयरपोर्ट के लिए ललित की जमीन चाहते हैं. पहले से 10 गुना ज्यादा. एक प्रोजेक्ट जिसकी कीमत 15 से 20 हजार करोड़ के बीच आंकी जा रही है. लेकिन क्या ललित जैसे किसानों के लिए ये खुशी का मौका है?

ललित ने क्विंट को बताया,

2008 में जब यमुना एक्सप्रेसवे बना तो हमारी 5 बीघा जमीन ली गई. करीब 33 लाख मुआवजा दिया. हमसे प्लॉट का वादा भी किया गया. लेकिन आज तक कोई प्लॉट नहीं है. इस बारे में कोई योजना नहीं है. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 64 फीसदी बढ़ा कर मुआवजा दिया जाए न ही इस पर कोई विचार हो रहा है. हम पिछली घटना का दोहराव नहीं देख सकते.
ललित, किसान, जेवर

ललित, जेवर के दयंतपुरा गांव में रहते हैं. उन 6 गांवों में से एक जहां एयरपोर्ट के पहले चरण का काम होना है. उत्तर प्रदेश सरकार को, भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जरूरी 70 फीसदी किसानों की मंजूरी मिल चुकी है. यानी, ललित के ऐतराज के बावजूद उनकी जमीन ले ली जाएगी.

5 हजार किसान ऐसे हैं जिनको अब भी यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल अथॉरिटी से एक दशक पुराना मुआवजा मिलना बाकी है.

ये देरी इसलिए हैं क्योंकि मामला अदालत में है. जेपी ने कहा है कि वो 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा नहीं देगा जो करीब 2400 करोड़ ठहरता है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 6 महीने में इलाहाबाद हाई कोर्ट में तीन जजों की बेंच इस पर अपना फैसला सुना देगी. 

यानी, बढ़े हुए मुआवजे मिलेगा या नहीं, सिर्फ ये जानने भर में 6 महीने का वक्त लग जाएगा. और इस दौरान वो 30 फीसदी किसान जिन्होंने अब तक अपनी जमीन जेवर एयरपोर्ट के लिए नहीं दी है, उन पर जमीन देने का दबाव भी बढ़ेगा. हालांकि, ये किसान अब कोर्ट का चक्कर लगाने के बारे में भी सोच रहे हैं.

ये भी पढ़ें: जिन्होंने मोदी को वोट देकर PM बनाया,उन पर गुजरात में हमलाः मायावती

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×