मोदी सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि कश्मीर में शांति के लिए अगर तीन लोगों को हिरासत में रखना जरूरी है तो उन्हें हिरासत में रहना चाहिए.
घाटी में दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को अधिकारियों के एक ग्रुप को संबोधित करते हुए ये बात कही. इस दौरान उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद थे.
पूर्व मुख्यमंत्रियों (फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती) का नाम लिए बगैर जितेंद्र सिंह ने कहा, "घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण है, क्योंकि तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है, तो बेहतर है कि वे हिरासत में रहें."
जितेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि सरकार को युवाओं पर ध्यान देने के साथ सुशासन और विकास के लिए जम्मू-कश्मीर के बारे में अपने विचार को बदलना होगा.
जम्मू-कश्मीर पर विचार बदलने होंगे ताकि सुशासन और विकास का फायदा लोगों तक पहुंचे. कुछ ऐसे लोग हैं जो ये नहीं जानते हैं कि उन्हें किस चीज से वंचित किया गया है. हमारे पास नई व्यवस्था है और केंद्र से सीधे आदेश हैं.जितेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "देश की आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर को करोड़ों रूपए मिले. हम युवाओं को इसका श्रेय देते हैं क्योंकि 70 फीसदी आबादी युवा है. पिछले पांच सालों से उन्हें मोदी सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिला."
बता दें, इसी साल 5 अगस्त को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द करने का फैसला लिया था. इसके मद्देनजर राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत मुख्यधारा के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं, जबकि फारूक अब्दुल्ला को सार्वजनिक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया है.
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