JNU में 5 जनवरी को हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने 9 लोगों की पहचान की है. इसमें JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष का भी नाम शामिल है. पुलिस के इस खुलासे के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने वामदलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जेएनयू में लेफ्ट आज बेनकाब हो गए है.
दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा, “जेएनयू में लेफ्ट आज बेनकाब हो गए है. उन्होंने तबाही की भीड़ का नेतृत्व किया, करदाताओं द्वारा भुगतान की गई सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर दिया, नए छात्रों को नामांकित होने से रोक दिया, परिसर को राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया.”
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ट्वीट किया, "अब साफ हो गया है कि JNU हिंसा के पीछे कौन था, पुलिस की ओर से जारी किए गए सबूत स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि कौन विश्वविद्यालय परिसर को अपने खुद के राजनीतिक फायदे के लिए एक राजनीतिक युद्धक्षेत्र बनाना चाहता है.”
फडणवीस ने आगे कहा, “ये साफ हो गया है कि किसने वीसी और डीन के घर पर हमला किया और उन्हें मेडिकल सहायता लेने से रोकना. महिला प्रोफेसर को बंधक बनाया और सर्वर रूम पर हमला करके इंटरनेट बंद किया, जिससे हजारों छत्रों को पंजीकरण करने में परेशानी हुई.... यह सब क्या कहता है ? ”
“लेफ्ट के लोगों की सोची समझी साजिश”
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने साबित कर दिया है कि पिछले 5 दिनों से जो कहा जा रहा था कि इस हिंसा में AVBP, बीजेपी और अन्य लोग दोषी है, लेकिन ये बात सच नहीं थी, ये लेफ्ट के लोगों की सोची समझी साजिश थी जिसके तहत सर्वर को नष्ट किए गए.”
बता दें, 5 जनवरी को JNU कैंपस में जमकर हिंसा हुई. हाथ में डंडे और रॉड लिए नकाबपोश हमलावरों ने कैंपस के अंदर घुसकर जमकर तोड़पोड़ और मारपीट की. इस दौरान जेएनयूएसयू अध्यक्ष, महासचिव समेत कई छात्र और शिक्षक करीब 28 लोग जख्मी हुए. बाद में दिल्ली पुलिस ने कैंपस के अंदर जाकर फ्लैग मार्च किया. दिल्ली के AIIMS में घायलों का इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद मुंबई, कोलकाता, अलीगढ़ के छात्र भी जेएनयू के समर्थन में उतर आए और उन्होंने भी विरोध प्रदर्शन किया.
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