दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में 5 जनवरी को हिंसा देखने को मिली थी. अब चार दिन बार दिल्ली पुलिस के PRO एमएस रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हिंसा में बाहरी छात्रों का हाथ होना मुश्किल है. पुलिस ने कहा कि JNUSU के सदस्यों ने पेरियार हॉस्टल पर हमला किया था.
दिल्ली पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
- जेएनयू हिंसा से संबंधित आपराधिक मामलों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. इन मामलों से संबंधित काफी गलत सूचना फैलाई जा रही है.
- 1 से 5 जनवरी तक JNU प्रशासन का नए छात्रों का रजिस्ट्रेशन करने का प्लान था. लेकिन कुछ छात्र इस रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे. वो रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को धमकाने लगे.
- 4 जनवरी को कुछ छात्रों ने हंगामा करने की कोशिश की. उन्होंने सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाया. स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की की. उनका मकसद रजिस्ट्रेशन प्रोसेज को रोकना था
- जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन समेत स्टूडेंट्स फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन इसके खिलाफ थे.
- अब तक तीन मामले दर्ज किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है.
- कुछ छात्र संगठनों ने रजिस्ट्रेशन प्रोसेज रोकने के लिए तोड़फोड़ किया.
- जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का झगड़ा बाकी संगठनों के साथ चल रहा था.
- जेएनयू के सुरक्षाकर्मियों ने बीचबचाव किया, लेकिन उनके साथ भी मारपीट हुई.
- 5 जनवरी को 3.45 पर स्टूडेंट्स संगठन के लोगों ने पेरियार हॉस्टल पर अटैक किया.
- जेएनयू में हिंसा करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए. हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं.
- जिन लोगों की पहचान की गई उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आइशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), वास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल शामिल हैं.
- हमने हिरासत में किसी को नहीं लिया है, लेकिन कई छात्रों को नोटिस भेजा है.
क्या है JNU हिंसा का मामला
दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में 5 जनवरी की शाम भारी हिंसा और तोड़फोड़ हुई है. कुछ नकाबपोश लोंगे ने छात्रों और प्रोफेसर पर हमला किया. हमलावर कैंपस में अगल-अलग हॉस्टल में घुसे और जमकर तोड़-फोड़ की. इस घटना में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत करीब 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. तब दिल्ली पुलिस JNU हिंसा को दो ग्रुप्स के बीच झड़प का नतीजा बताया था.
जेएनयू छात्र संघ ने छात्रों और प्रोफेसरों पर हमले के पीछे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का हाथ होने का आरोप लगाया है. उधर, एबीवीपी लेफ्ट विंग एक्टिविस्ट्स पर जेएनयू में हिंसा के आरोप लगा रहा है.
हिंसा के विरोध में 7 जनवरी को जेएनयू कैंपस में विरोध प्रदर्शन हुआ. बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण भी इस विरोध प्रदर्शन में जेएनयू पहुंची थीं और उन्होंने आइशी घोष से मुलाकात भी की थी.
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