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कानपुर मुठभेड़ पोस्टमॉर्टम:बेहद करीब से मारी गईं गोलियां

कानपुर मुठभेड़- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा, धारधार हथियारों से भी की गई थी पुलिस कर्मियों की हत्या.

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कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए 8 पुलिसवालों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से कई अहम खुलासे हुए हैं. इसमें पता चला है कि हिस्ट्रीशिटर विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को बड़ी बेरहमी से मारा था.

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जिस तरह से हत्या की गई उससे लग रहा है कि विकास दुबे पुलिस वालों और महकमे को मैसेज देना चाहता था. प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारना और पैर काटने वाली बात बताती है कि बदमाशों ने पुलिस वालों को पकड़ लिया था. यानी मामला सिर्फ ऐसा नहीं था कि बदमाशों ने छत घात लगाकर गोली चलाई और पुलिसवालों को मारा.

बदला लेना था मकसद

विकास दुबे और उसके गुर्गों का मकसद पुलिस कर्मियों को सिर्फ मारना ही नहीं, बल्कि उनसे बदला लेना भी था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक CO देवेंद्र मिश्रा को कई गोलियां मारी गईं, जिसमें से तीन उनके शरीर से आर-पार हो गई. 1 गोली उनके सिर में, एक छाती में और 2 पेट में लगी थी.

इसके अलावा विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा को गोलियां मारने के बाद उनके पैर को भी काट दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सभी गोलियां प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारी गईं.

यहीं नहीं विकास और उसके साथियों ने 3 पुलिसकर्मियों के सिर पर और 1 के चेहरे पर गोली मारी थी. सभी 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साफ होता है कि बेहद बेरहमी से सभी की हत्या की गई. शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सिपाही सुल्तान को दो गोलियां मारी गईं.

अन्य पुलिसकर्मियों को आठ से दस गोलियां मारी गईं, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर शरीर पर गोलियों के निशान देखकर दंग रह गए. पुलिसवालों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियां लगीं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर पुलिस हत्याकांड में विकास दुबे और उसके साथियो ने रायफल से गोलियां चलाईं थीं. बता दें कि 7 दिन तक चली लुका-छुपी के बाद गैंगस्टर विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर तो मार गिराया था.

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