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विकास दुबे की गैंग में कितने बाकी? 6 ढेर, 1 गिरफ्तार, 12 फरार

अब तक विकास के अलावा प्रेम प्रकाश पांडे, अतुल दुबे, अमर दुबे, बउआ दुबे और प्रभात मिश्रा का एंकाउंटर हो चुका है. 

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7 दिन तक चली लुका-छुपी के बाद गैंगस्टर विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर तो मार गिराया, लेकिन अब भी विकास के कई सारे गुर्गे उत्तर प्रदेश पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. यूपी पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है. बता दें कि 3 जुलाई को 8 पुलिस वालों की हत्या के बाद से विकास और उसके गुर्गे फरार हो गए थे, जिसके बाद यूपी पुलिस ने 18 लोगों को नामजद कर एफआईआर दर्ज की, साथ ही उन्हें पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा भी की.

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विकास समेत 6 का एनकाउंटर

बता दें कि कानपुर के बिकरू गांव में विकास और उसके गैंग ने डीएसपी समेत आठ पुलिसवालों की हत्या को अंजाम दिया था. जिसके बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ ने विकास के गैंग के 5 लोगों का एनकाउंटर कर दिया. साथ ही 10 जुलाई को विकास दुबे को उज्जैन से लाते वक्त कानपुर हाइवे पर मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया.

अब तक विकास के अलावा करीबी प्रेम प्रकाश पांडे, अतुल दुबे, अमर दुबे, बउआ दुबे और प्रभात मिश्रा का एंकाउंटर हो चुका है.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने सबसे पहला इनकाउंटर विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे का किया था, ये दोनों कानपुर में 8 पुलिस वालों की हत्या के कुछ देर बाद ही एक मुठभेड़ में मारे गए थे. उसके बाद 8 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने विकास के करीबी अमर दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया था. बताया जाता है कि जिस रात को 8 पुलिसवाले शहीद हुए थे, उस रात अमर दुबे भी छत से गोलियां चला रहा था. आखिर में विकास की गिरफ्तारी से पहले 9 जुलाई को ही विकास दुबे के दो करीबी साथी प्रभात मिश्रा और बउवा दुबे को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया.

पुलिस के मुताबिक प्रभात को पुलिस फरीदाबाद से कानपुर ला रही थी, तभी बीच रास्ते में उसने भागने की कोशिश की, पुलिस ने गोली चलाई , प्रभात घायल हो गया, अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, विकास का दूसरा साथी बउवा इटावा में मारा गया.

12 इनामी बदमाश फरार, 2 पर एक-एक लाख के इनाम

एडिशनल डायरेक्टर जनरल (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार  के मुताबिक विकास दुबे गैंग के जिन 12 बदमाशों की तलाश है. उनमें से दो के ऊपर एक-एक लाख का इनाम है जबकि बाकी 10 लोगों पर 50-50 हजार का इनाम है.

विकास के करीबी बीरू दुबे और गोपाल सैनी पर एक-एक लाख रुपए का इनाम है. ये दोनों घटना के बाद से ही फरार हैं. वहीं विकास के गैंग के शिवम दुबे, छोटू शुक्ला, बाल गोविंद, राम सिंह, रामू बाजपेयी, शशिकांत पंडित, विष्णु पाल यादव, शिव तिवारी, बउवन शुक्ला और मोनू पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है.

इन सभी को पकड़ने के लिए एसटीएफ और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कई जगह सर्च ऑपरेशन भी चलाया है. वहीं एफआईअर में नामजद विकास के नौकर दया शंकर अग्निहोत्री को पुलिस ने 5 जुलाई को ही पकड़ लिया था. पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया था. जिसके बाद उसने कई राज से पर्दा उठाया. उसने ही बताया था कि विकास को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी.

एक-47 की तलाश

3 जुलाई को 8 पुलिस वालों की हत्या की रात एक एके-47 और इंसास रायफल घायल पुलिस वालों से विकास के लोगों ने लूट ली थी, लेकिन उसे पुलिस अब तक बरामद नहीं कर पाई है.

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास दुबे के एनकाउंटर और 8 पुलिस वालों की हत्या की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस श्री शशि कांत अग्रवाल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है. ये आयोग 10 जुलाई को विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत के मामले पर जांच करेगी. आयोग को 2 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.

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