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करनाल महापंचायत: SDM को सस्पेंड करने की मांग पर अड़े किसान, प्रशासन से बातचीत फेल

Farmers Protest: सरकार द्वारा घोषित एमएसपी अपर्याप्त, मुद्रास्फीति लागत से कम - संयुक्त किसान मोर्चा

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हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद अब खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. किसानों ने अब करनाल मिनी सचिवालय में डेरा डाल लिया है और एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित करने की मांग पर अड़े हैं. किसान संगठनों और प्रशासन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला.

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संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी करते हुए कहा कि हरियाणा बीजेपी-जेजेपी सरकार की हठपूर्वक एक हत्यारे अधिकारी को बचाने का प्रयास जारी है और जब तक एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित नहीं किया जाता और मुआवजे का भुगतान नहीं किया जाता उनके द्वारा लघु सचिवालय का घेराव जारी रहेगा.

“हत्यारे अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ जांच का आदेश देने से भी इनकार कर खट्टर सरकार स्पष्ट रूप से प्रदर्शित कर रही है कि वास्तव में किसानों के सिर तोड़ने का आदेश किसने दिया था ?”

लघु सचिवालय का घेराव जारी

इससे पहले 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में किसान महापंचायत और जिला प्रशासन के बीच वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने लघु सचिवालय की ओर मार्च किया था. रास्ते में कई SKM नेताओं को हिरासत में लिया गया था.बाद में जब भीड़ इकट्ठा होने लगी तो उन्हें रिहा कर दिया गया.

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संयुक्त मोर्चा के अनुसार 7 सितंबर की शाम करीब साढ़े सात बजे किसान लघु सचिवालय पहुंचे और उन्होंने घेराव शुरू कर दिया. SKM के कई नेताओं समेत हजारों किसानों ने लघु सचिवालय के समक्ष सड़क पर रात गुजारी.

सरकार द्वारा घोषित एमएसपी अपर्याप्त, मुद्रास्फीति लागत से कम - SKM

SKM ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में केंद्र सरकार के रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि को दिखावटी घोषणा करार दिया.

“तथ्य यह है कि सरकार ने वास्तविक रूप से रबी फसलों के एमएसपी को कम कर दिया है. जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 6% है, गेहूं और चना के एमएसपी में सिर्फ 2% और 2.5% की वृद्धि की गई है. इसका मतलब है कि वास्तविक रूप से, गेहूं और चना के एमएसपी में क्रमशः 4% और 3.5% की कमी हुई है”

29 सितंबर को उत्तर प्रदेश के तिलहर में किसान महापंचायत - SKM

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 29 सितंबर को उत्तर प्रदेश के तिलहर में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा . इसके अलावा राजस्थान के जयपुर में 15 सितंबर को, और छत्तीसगढ़ में 28 सितंबर किसान संसद का आयोजन किया जाएगा.

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