पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर कार्यक्रम के मौके पर हिंदुस्तान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दोस्ती के लिए पूरी तरह तैयार है. ‘अगर हिंदुस्तान दोस्ती के लिए पाकिस्तान की ओर एक कदम बढ़ाएगा तो पाकिस्तान उसकी ओर दो कदम बढ़ाएगा.
इमरान खान ने मोदी सरकार के दो मंत्रियों हरदीप पुरी और हरसिमरत कौर की मौजूदगी में चुटकी भी ली और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिद्धू की तारीफों के पुल बांध दिए. उन्होंने कहा-
‘दोनों मुल्कों के बीच दोस्ती के लिए नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधानमंत्री बनने का इंतजार करना पड़े.’
‘मुसलमान को मदीना जाने पर जो खुशी होती है, वही खुशी देख रहा हूं’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि आज वह सिख समुदाय के चेहरों पर वही खुशी देख रहे हैं, जो किसी मुसलमान को मदीना जाने पर होती है.
- बॉर्डर के पास खड़े हैं लेकिन अलग मदीना जा नहीं सकते. ऐसे में अगर मदीना जाने का मौका मिल जाए, तो जो खुशी चेहरों पर आएगी. वो खुशी मैं आज देख रहा हूं.
- हम करतारपुर दरबार साहिब को बेहतर से भी बेहतर करते जाएंगे. हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएंगे
- जब बाबा गुरुनानक की 550वीं सालगिरह होगी, और अगले साल आप जब यहां आएंगे तो आपको हर सुविधा यहां मिलेगी
‘दोनों देशों की दोस्ती के लिए सिद्धू के पीएम बनने का इंतजार न करना पड़े’
समारोह को संबोधित करते हुए इमरान खान ने नवजोत सिंह सिद्धू को अपना अच्छा दोस्त बताया और उनकी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि ‘मेरे दोस्त नवजोत सिंह सिद्धू ने जो बातें आज कहीं, मैंने इनकी क्रिकेट कमेंट्री तो सुनी है, लेकिन मुझे नहीं पता था कि इन्हें सूफी कलाम में भी महारत हासिल है. मैं उनसे बहुत प्रभावित हुआ हूं.’
इमरान खान ने पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जा जिक्र करते हुए कहा-
सिद्धू जब पिछली बार पाकिस्तान आए थे तो वापस हिंदुस्तान जाने पर इन पर बहुत तंज कसे गए. मुझे अब तक समझ नहीं आया कि वहां इन पर तंज क्यों कसे गए. एक इंसान दोस्ती और प्यार का पैगाम लेकर आया तो उसने कौन सा जुर्म कर दिया.
इमरान खा ने कहा, सिद्धू उन मुल्कों के बीच दोस्ती की बात कर रहे हैं, जिनके पास न्यूक्लियर हथियार हैं. हम दोनों मुल्कों के पास एटमी हथियार हैं, तो जंग तो हो ही नहीं सकती. जिन मुल्कों के पास एटमी हथियार हों, वो तो जंग के बारे में सोच ही नहीं सकते. ऐसा सोचना भी पागलपन है. एटमी जंग में कौन जीत सकता है, एटमी जंग तो सब हार जाएंगे. तो जब जंग करनी ही नहीं है तो दोस्ती के अलावा रास्ता क्या है. तो सिद्धू ने पाकिस्तान आकर कौन सा जुर्म किया था.’
इमरान खान ने कहा-
सिद्धू अगर पाकिस्तान मैं भी इलेक्शन लड़ लें तो जीत जाएंगे. खास तौर पर पंजाब इलाके में. मैं उम्मीद करता हूं कि ये ना हो कि हमें सिद्धू का इंतजार करना पड़े कि जब वो पीएम बनेंगे तब पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच दोस्ती होगी. मैं चाहता हूं कि वहां ऐसी लीडरशिप आ जाए कि दोनों मुल्कों के बीच दोस्ती हो सके.
‘दोनों मुल्कों को करनी चाहिए संबंध सुधारने की पहल’
इमरान खान ने दोनों मुल्कों के संबंधों को लेकर कहा, ‘आज हिंदुस्तान और पाकिस्तान जहां खड़े हैं, हम 70 साल से इसी तरह का माहौल देख रहे हैं. मैं ये नहीं कहूंगा कि हिंदुस्तान की गलती है या पाकिस्तान की गलती है. मैं मुनीर नियाजी के एक शेर से हमारे बीच के हालातों का जिक्र कर सकता हूं.
‘कुछ शहर दे लोग वी जालिम सान, कुछ सानू मरन दा शौक वी सी’
उन्होंने कहा कि दोनों तरफ गलतियां हुईं. लेकिन हम आगे तब तक नहीं बढ़ सकते, जब तक हम जंजीर को तोड़ेंगे नहीं. हम इसी तरह फंसे रहेंगे. एक दूसरे पर आरोप लगाते रहेंगे.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा-
‘अब तक के ताल्लुकात हम देखें, तो हम एक कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे चले जाते हैं. हमारे में अभी तक ये ताकत नहीं है कि हम ये फैसला करें कि जो भी होगा हमें अपने ताल्लुकात ठीक करने हैं. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना है’
‘अगर फ्रांस और जर्मनी एक साथ आ सकते हैं तो हम क्यों नहीं’
इमरान खान ने कहा, ‘अगर फ्रांस और जर्मनी, जिन्होंने कितनी जंगें लड़ीं, करोड़ों लोग एक दूसरे के मारे गए. अगर वो आखिर मैं साथ आ सकते हैं, तो हम क्यों नहीं. अब वो जंग करने के बारे में सोचते भी नहीं हैं.’
उन्होंने कहा-
पाकिस्तान आज इधर खड़ा है और हिंदुस्तान उधर. हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि हमें क्या मौका मिला है. अगर फ्रांस और जर्मनी एक साथ आकर आगे बढ़ सकते हैं तो हम क्यों नहीं बढ़ सकते. हमने भी एक दूसरे के लोग मारे हैं. लेकिन हमने वो कत्लेआम तो कभी नहीं किया जो जर्मनी और फ्रांस के बीच हुआ था.
‘इरादा कर लें, तो कश्मीर का मसला हल हो जाएगा’
इमरान खान ने कहा, ‘मैं जब भी हिंदुस्तान जाता था, मुझे हमेशा ये कहा जाता था कि पाकिस्तान की लीडरशिप एक तरफ है लेकिन वहां की फौज दोस्ती नहीं होने देगी.’
उन्होंने कहा-
मैं आज आपके सामने कह रहा हूं कि आज पाकिस्तान में मैं यानी पाकिस्तान का पीएम, हमारी सरकार, हमारी पार्टी, हमारी फौज आज एक राय हैं. हम आगे बढ़ना चाहते हैं. हम दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध चाहते हैं. हमारा मसला सिर्फ एक है...कश्मीर का. मुझे ये बताएं कि इंसान आज चांद पर पहुंच चुका है, तो फिर कौन सा मसला है जो इंसान हल नहीं कर सकता. क्या हम एक मसला हल नहीं कर सकते. बॉर्डर के दोनों तरफ सिर्फ एक इरादे वाली लीडरशिप चाहिए. जो इरादा कर ले कि हम कश्मीर का मसला हल करेंगे. मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि ये मसला हल हो जाएगा. लेकिन इसके लिए इरादा चाहिए और एक बड़ा ख्वाब चाहिए.
‘दोनों देशों की गरीबी खत्म करनी है तो संबंध सुधारने होंगे’
इमरान खान ने कहा कि दोस्ती के लिए दोनों मुल्कों की लीडरशिप को इरादा करना होगा. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मसला ही नहीं है, जिसे हल न किया जा सके. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर दोनों देशों के ताल्लुकात बेहतर हुए तो लोगों को बहुत फायदा होगा. उन्होंने कहा...
मैं हिंदुस्तान के साथ अच्छा और मजबूत रिश्ता चाहता हूं और इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मैं चाहता हूं कि दोनों मुल्कों से गरीबी खत्म हो. चीन की मिसाल ले लें. उनके भी अपने पड़ोसियों से मसले हैं. लेकिन चीन ने 30 सालों में 70 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला. चीन की लीडरशिप दूर का सोचती है. उन्होंने सोचा कि हम पहले अपने मुल्क की गरीबी खत्म करेंगे और उन्होंने वो कर दिखाया. हमें सोचना चाहिए कि हमारे मुल्कों में कितने लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. कितने बच्चे हैं जो कुपोषण का शिकार हैं. तो दोनों देशों की लीडरशिप को पहले अपने देश के गरीबों के बारे में सोचना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘हम दोनों मुल्क आगे बढ़ सकते हैं. मैं फिर से यही कहूंगा कि हिंदुस्तान एक कदम आगे बढ़ाएगा, तो हम दोस्ती के लिए दो कदम आगे बढ़ाएंगे.’
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