आज यानी 16 सितंबर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का 74वां जन्मदिन है. लेकिन इस बार उन्हें तिहाड़ जेल में ही अपना बर्थडे मनाना पड़ेगा. चिदंबरम हर कानूनी प्रक्रिया को अपनाने के बावजूद जमानत की राहत पाने में नाकाम रहे हैं. उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता के नाम एक लंबा-चौड़ा खत ट्विटर पर पोस्ट किया है. इस खत में जहां एक ओर उन्होंने जेल में बंद पिता के प्रति अपने जज्बातों को जाहिर किया है, तो वहीं दूसरी तरफ हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए बीजेपी और बीजेपी समर्थकों पर निशाना भी साधा है.
'काश आप घर पर होते'
अपने खत के शुरुआत में कार्ति ने लिखा, "प्रिय अप्पा, आज आप 74 साल के हो रहे हैं, और कोई 56 आपको रोक नहीं सकता. हालांकि आप कभी अपने जन्मदिन को भव्य तरीके से नहीं मनाते, लेकिन आजकल हमारे देश में हर छोटी चीज पर बड़ा जश्न मनाया जाता है. बिना आपकी मौजूदगी के आपका बर्थडे पहले जैसा नहीं है. हम आपको मिस कर रहे हैं. आपकी गैर मौजूदगी हमारे दिलों को तकलीफ दे रही है, और काश आप हम सभी के साथ केक काटने के लिए घर पर होते."
कार्ति ने अपने खत में बताया है कि अब चिदंबरम को अखबार पढ़ने और टीवी देखने के लिए सीमित समय की इजाजत (जो पहले नहीं थी) दी गई है. चंद्रयान -2 से लेकर ब्रिटेन की संसद तक, कार्ति ने उन्हें दुनिया भर में होने वाली हालिया बड़ी घटनाओं के बारे में जानकारी दी है, जो शायद उनकी गिरफ्तारी के दौरान और उसके कुछ समय बाद तक उनसे छूट गए थे.
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चंद्रयान-2 के बहाने मोदी पर वार
कार्ति ने खत में 'चंद्रयान-2 मिशन और लैंडर विक्रम का जिक्र करते हुए अपने पिता को लिखा, "साइंस और टेक्नोलॉजी के सरपरस्त होने के नाते आपको इस मिशन की लाइव स्ट्रीम बहुत पसंद आती. हम किस्मतवाले थे जो इस इवेंट को गर्व के साथ लाइव देखने का मौका मिला. इसमें बहुत ड्रामा था. नहीं लैंडर से विक्रम का संपर्क टूटने का ड्रामा नहीं, बल्कि उसके बाद जो बड़ा ड्रामा हुआ." कार्ति ने उस घटना का जिक्र किया जब पीएम मोदी ने इसरो चीफ के सिवन को दिलासा देने के लिए गले से लगाया था. और भावुक हो गए सिवान का सिर अपने कंधे पर रखकर उन्हें दिलासा दिया था.
उन्होंने न्यूटन के बजाय आइंस्टीन को गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के लिए श्रेय देने के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की ‘गलतफहमी’ का भी उल्लेख करते हुए कहा “भक्तों के लिए दोनों के बीच भ्रमित होना अपेक्षाकृत आसान होना चाहिए”
मोदी के मंत्री भी निशाने पर
कार्ति ने सरकार के 100 दिनों का जश्न मनाने के लिए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में भी लिखा. उन्होंने देश के आर्थिक संकट का जिक्र किया जो इन दिनों खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में है. साथ ही उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने आर्थिक मंदी के लिए जिम्मेदार कारणों में एक कारण ये भी बताया था कि युवा लोगों में कार खरीदने की दिलचस्पी उबर और ओला जैसे राइड-शेयरिंग ऐप्स के ज्यादा इस्तेमाल से घट रही है.
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कश्मीर में सरकार के कदम के बारे में बात करते हुए कार्ति ने लिखा, “केवल आप ही कश्मीरियों की सच्ची दुर्दशा को समझेंगे. क्योंकि आप दोनों को गलत तरीके से बंद कर दिया गया है. हालांकि, आप अभी भी उनसे बेहतर हैं.”
'आपकी आवाज को दबाने का सबसे सही वक्त'
अपने खत में कार्ति आगे लिखते हैं, "इसलिए, बीजेपी सरकार ने अपनी दूसरी पारी का जश्न मनाया और आपकी आवाज को दबाने के लिए उन्हें इससे बेहतर कोई समय नहीं मिल पाया." कार्ति ने अपने पिता को अंतर्राष्ट्रीय अखबारों में छपी कई घटनाओं के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "एक सत्ताधारी सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए बहुत साहस चाहिए, खासतौर पर तब, जब आप असहमति के बोल बोलते हैं तो वो आपको सीधे पाकिस्तान भेजना चाहते हैं."
बता दें कि चिदंबरम की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है, जिस पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी. आईएनएक्स मीडिया मामले में पांच सितंबर को एक अदालत ने उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
चिदंबरम को 21 अगस्त को नाटकीय घटनाक्रम के बाद गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है. सीबीआई ने 15 मई 2017 को इस मामले पर एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें कथित तौर पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) में अनियमितता के जरिए आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड 2007 में स्वीकार करने को मंजूरी दी गई थी. इस दौरान चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
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