कासगंज (Kasganj) कोतवाली में पुलिस हिरासत के दौरान अल्ताफ (Altaf) की मौत के मामले में उसके पिता चांद मियां ने कुल आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दी है
इसके बाद भी पुलिस द्वारा दर्ज की गयी एफआईआर में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर तहरीर में पुलिसकर्मियों का नाम होने के बाद भी एफआईआर अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्यों दर्ज की गयी?
तहरीर में आठ पुलिसकर्मियों के नाम
अल्ताफ के पिता के द्वारा दी गयी तहरीर के अनुसार पांच पुलिसकर्मी वीरेंद्र सिंह इन्दौलिया, जागेश मिश्रा, चंद्रेश गौतम, विकास कुमार और घनेन्द्र सिंह के साथ कुल आठ नाम शामिल है, जबकि तहरीर में सीओ डीके पंत के ऊपर दवाब बनाने की बात कही गयी है.
पुलिस के द्वारा एफआईआर अज्ञात पुलिस कर्मियों के नाम से दर्ज की गई है, दर्ज की गई एफआईआर से सीओ डीके पंत का नाम गायब है.
अज्ञाय के खिलाफ क्यों हुआ एफआईआर
कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोतरो ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि जिस तहरीर के आधार पर एफआईआर पर दर्ज हुआ है, वो हमें रजिस्टर्ड डाक से कल ही मिल गई थी और उसी के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
जिस कॉपी में पुलिसकर्मियों का नाम शामिल है वो फ्रेश रजिस्टर्ज कॉपी डाक से आज मिली है और उसको एफआईआर में एड करके अपडेट कर दिया जाएगा.रोहन प्रमोद बोतरे, कासगंज, एसपी
रिपोर्ट्स के मुताबिक चांद मियां ने तहरीर में बताया है कि 8 नवंबर की रात को पुलिस उनके घर आई थी और पूछताछ के अल्ताफ को कोतवाली ले जाया गया. उसके बाद वहां उसके साथ मारपीट की गई और उसको मौत के घाट उतार दिया गया.
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