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...तो ‘दलित’ संजय घोड़ी चढ़कर बारात नहीं जा सकेगा? अब नई मुसीबत 

कासगंज के निजामपुर में रहने वाली शीतल के घर अपनी बारात ले जाने के लिए जद्दोजहद कर रहे संजय

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उत्तर प्रदेश के कासगंज में संजय जाटव नाम के शख्स की शादी सुर्खियों में है. 21वीं सदी में जीने वाले और खुद को 'ऊंची जाति' का कहने वाले दबंग इस दलित शख्स को घोड़ी पर चढ़कर बारात जाते नहीं देखना चाहते हैं. कासगंज के निजामपुर में रहने वाली शीतल के घर अपनी बारात ले जाने के लिए जद्दोजहद कर रहे संजय के सामने एक और मुश्किल खड़ी हो गई है.

टाइम्स पर इंडिया की खबर के मुताबिक, अब दावा किया जा रहा है कि दुल्हन शीतल नाबालिग हैं. इससे पहले पुलिस और प्रशासन ने घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालने के लिए 500 मीटर का रूट मैप तैयार कर दिया था.

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दुल्हन के नाबालिग होने का दावा

रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक और डीएम की रिपोर्ट में ये दावा है कि लड़की अभी 17 साल 10 महीने की है. ऐसे में तभी शादी की इजाजत मिल सकती है जब लड़की बालिग हो जाए. वहीं दूसरी तरह संजय जाटव का कहना है कि ये सब उन्हें परेशान करने के लिए किया जा रहा है. लड़की के परिवार वाले और संजय तय समय पर ही शादी के लिए डटे हुए हैं और इसे जातिगत भेदभाव की लड़ाई बता रहे हैं.

20 अप्रैल को है शादी

संजय और शीतल की शादी 20 अप्रैल को है. संजय बारात घोड़ी चढ़कर जाना चाहते हैं. लेकिन गांव के कुछ ऊंची जाति के लोग नहीं चाहते कि जाटव जाति का कोई शख्स उनके रास्ते से घोड़ी पर चढ़कर बारात निकाले. पुलिसवालों ने भी कानून व्यवस्था का मामला बताते हुए संजय की मांग को खारिज कर दिया, साथ ही 800 मीटर लंबे रास्ते से जाने का सुझाव दिया. अपनी जायज मांग को लेकर संजय इलाहाबाद हाईकोर्ट के शरण में भी पहुंचे ते, लेकिन वहां से भी उनको राहत नहीं मिली.

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