जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह को मिला मेडल अब उससे छीन लिया जाएगा. इसके लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. बता दें कि राज्य की तरफ से देविंदर सिंह को बहादुरी के लिए शेर-ए-कश्मीर पुलिस मेडल दिया गया था. ये जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा पुलिस मेडल है. लेकिन दविंदर के आतंकियों के साथ लिंक होने और रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद सरकार ने अब इसे वापस लेने का फैसला किया है.
आतंकियों के साथ पकड़े जाने के बाद देविंदर सिंह के घर पर भी छापेमारी हुई थी. उसका घर आर्मी कैंप के बिल्कुल नजदीक है. डीएसपी ने इसी घर में दो खतरनाक आतंकियों को पनाह दी थी.
बताया जा रहा है कि पुलिस को डीएसपी के घर से कई संदिग्ध सामान मिला है. पुलिस ने बताया था कि दविंदर सिंह के घर से दो पिस्तौल और एक एके-47 राइफल बरामद की गई है. इसके अलावा भारी संख्या में गोला-बारूद भी बरामद किया गया.
दविंदर सिंह को 11 जनवरी को पुलिस की एक टीम ने आतंकियों के साथ कुलगाम स्थित मीर बाजार से गिरफ्तार किया था. इस दिन वो ड्यूटी पर मौजूद नहीं था. अधिकारियों के मुताबिक, सिंह ने 12 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक की छुट्टी लेने की अर्जी दी थी. अधिकारियों ने बताया कि सिंह का नाम एसपी के तौर पर प्रमोशन के लिए क्लियर हो गया था. अगले कुछ महीने में वो एसपी बनने वाला था.
अफजल से थे लिंक?
डीएसपी के हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ गिरफ्तार होने के बाद संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के साथ लिंक भी जुड़ने शुरू हो गए. बताया गया कि अफजल गुरू ने अपने एक खत में एक पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह का नाम लिया था, लेकिन उनकी संसद हमले में भूमिका की कोई जांच नहीं हुई थी. सिंह के हिरासत में लिए जाने की खबर के बाद सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने भी ट्विटर पर लिखा था कि अफजल ने अपने खत में देविंदर सिंह नाम के अधिकारी का जिक्र किया था और अब सिंह के 'आतंकियों के साथ पकड़े जाने की खबर आई है." इसके अलावा कई लोगों ने इस मामले पर सवाल खड़े किए.
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