कश्मीर में हालात लगातार सुधरने की बात हो रही है, लेकिन अभी तक नेताओं की रिहाई नहीं हो पाई है. पाबंदियों के चलते जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की बेटी अपनी मां से मिलने नहीं जा पा रही थीं. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कश्मीर जाने की इजाजत दे दी है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सीताराम येचुरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीपीआई (एम) के नेता तारिगामी को श्रीनगर से दिल्ली के एम्स लाने का भी आदेश जारी किया.
कश्मीर से जुड़े तीन मामलों पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कश्मीर मामले पर तीन आदेश जारी किए. जिसमें सबसे पहले सीपीआई (एम) के नजरबंद नेता तारिगामी को दिल्ली लाने का आदेश शामिल है.
1. CPI (M) के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी की अपनी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली लाए जाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बीमार चल रहे तारिगामी को श्रीनगर से दिल्ली के एम्स में भर्ती कराने का आदेश दिया. तारिगामी फिलहाल श्रीनगर में अपने घर में नजरबंद हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले येचुरी को सहयोगी तारिगामी से मिलने के लिए जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी थी. उसने केंद्र के इस दावे को खारिज कर दिया था कि इससे राज्य में ‘स्थिति को खतरा’ हो सकता है.
2. सुप्रीम कोर्ट ने महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को भी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए इल्तिजा को निजी तौर पर अपनी मां से मिलने के लिए चेन्नई से श्रीनगर जाने की इजाजत दी. आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद से ही महबूबा मुफ्ती अपने घर में कैद हैं. उनकी बेटी कई बार केंद्र सरकार पर आरोप लगा चुकी हैं. क्योंकि उन्हें कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें श्रीनगर जाने की इजाजत देते हुए कहा, वह जरूरत पड़ने पर श्रीनगर के दूसरे हिस्सों में भी जा सकती हैं जिसके लिए उन्हें वहां मौजूद अधिकारियों से पहले इजाजत लेनी होगी.
3. सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर भी सुनवाई की. भसीन की वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, मैंने कोर्ट में एक अतरिक्त हलफनामा दिया है. कश्मीर में मीडिया अभी भी ठीक तरीके से काम नहीं कर पा रहा है. मेरा मानना है कि वहां हालात ठीक नहीं हैं.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और आज कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले की सुनवाई 16 सितंबर को करेंगे. इसके अलावा आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं पर 16 सितंबर को ही सुनवाई होगी.
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