केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने ना चाहते हुए भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ राज्य सरकार के प्रस्ताव को विधानसभा में पढ़ा. उन्होंने बार-बार ये भी साफ किया कि वह मानते हैं कि यह केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं के अंतर्गत नहीं आता है. लेकिन वो राज्य सरकार के सम्मान की वजह से ऐसा कर रहे हैं.
बता दें कि केरल विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो चुका है. इसी दौरान नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव को पढ़ने से पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मना कर दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की गुजारिश पर उन्होंने प्रस्ताव पढ़ा.
उन्होंने विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून को 'असंवैधानिक' और 'भेदभावपूर्ण' बताने वाली लाइन पढ़ने से पहले कहा,
‘मैं इस पैरा (सीएए के खिलाफ) को पढ़ने जा रहा हूं, क्योंकि सीएम चाहते हैं कि मैं इसे पढ़ूं, हालांकि मेरा मानना है कि यह नीति या कार्यक्रम के तहत नहीं आता है. सीएम ने कहा है कि यह सरकार का विचार है, और उनकी इच्छा का सम्मान करने के लिए मैं इस पैरा को पढ़ने जा रहा हूं.’
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 31 दिसंबर को विधानसभा में सीएए हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था जिसे बाद में विधानसभा ने पारित किया था. इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने समर्थन किया था वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया था. साथ ही राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी विरोध जताया था.
CAA हटाने को लेकर केरल सरकार के प्रस्ताव को राज्यपाल ने गलत ठहराया
बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट जा चुकी है. हालांकि सरकार ने राज्यपाल को इस बारे में जानकारी नहीं दी थी, जिस पर राज्यपाल ने आपत्ति भी जताई थी. उन्होंने कहा था कि किसी राज्य को केंद्रीय विषयों पर प्रस्ताव पास करने का अधिकार ही नहीं है.
केरल विधानसभा में राज्यपाल के खिलाफ हंगामा
केरल विधानसभा में आज से बजट सत्र शुरू हो रहा है. इस दौरान जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सदन में आए, तो यूडीएफ के विधायकों ने उनका विरोध किया. उन्होंने राज्यपाल को गो-बैक के पोस्टर दिखाए और सीएए और एनआरसी के खिलाफ जमकर नारे लगाए .
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