केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार, 28 दिसंबर को कन्नूर में ‘भारतीय इतिहास कांग्रेस’ के आयोजन में नागरिकता कानून के समर्थन में बोला जिसके बाद वहां बवाल खड़ा हो गया. इस दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से इतिहासकार इरफान हबीब भिड़ गए. राज्यपाल ने इतिहासकार हबीब पर सुरक्षाकर्मियों से धक्का-मुक्की का आरोप लगाया है.
एनडीटीवी के खबरों के मुताबिक, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ‘भारतीय इतिहास कांग्रेस के 80 वें अधिवेशन का उद्घाटन कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बारे में बोलना शुरू किया. उसी वक्त कुछ नेताओं ने उनका विरोध किया.
नेताओं ने उन पर आरोप लगाया कि वह आयोजन के विषय से हट कर बात कर रहे हैं. लेकिन खान ने कहा, वह केवल पिछले वक्ताओं के उठाए गए बिंदुओं पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. क्योंकि, एक व्यक्ति कर्तव्य की रक्षा और संविधान की रक्षा के लिए बाध्य है.
इवेंट के बाद खान ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि मंच पर मौजूद प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब ने उनके संबोधन को बाधित करने की कोशिश की और कहा मौलाना आजाद को कोट करने के बजाए नाथूराम गोडसे को कोट करना चाहिए.’
राज्यपाल ने कहा, उन्होंने अलोकतांत्रिक तरीके से इशारा किया और मेरे एडीसी और सुरक्षा अधिकारी को धक्का दे दिया.
छात्रों ने नारे लगाते हुए विरोध किया
खबरों के मुताबिक, वहां केवल प्रतिनिधियों ने ही नहीं बल्कि युवा कांग्रेस और केरल छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए और तख्तियां दिखा कर नारे लगाए. जिसके बाद पुलिस ने केएसयू के जिला अध्यक्ष पी मुहम्मद शम्मा समेत छह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
हालांकि, विरोध प्रदर्शनों के दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बार-बार कह रहे थे. “आपको विरोध का पूरा अधिकार है. लेकिन आप मुझे चुप नहीं करा सकते.”
द न्यूज मिनट के मुताबिक, ‘भारतीय इतिहास कांग्रेस’ के सचिव के हवाले से कहा गया है, “कुछ प्रतिनिधि शांतिपूर्वक खड़े थे और तख्तियां पकड़े हुए थे. लेकिन उन्हें पुलिस परेशान कर रहे थे."
कार्यक्रम में दूसरे यूनिवर्सिटी के भी कुछ छात्र थे जो वहां नारे लगा रहे थे. लेकिन पुलिस के आने के बाद उन्हें हटा लिया गया.
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