केरल के कथित हादिया लव जिहाद केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने हादिया और उसके पति शाफीन जहां की शादी को सही करार दिया है. और उनकी शादी दोबारा बहाल कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हादिया और शफीन जहां पति-पत्नी की तरह रह सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें हादिया की शादी को खारिज कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर कहा कि शादी को रद्द नहीं करना चाहिए था. ये शादी वैध है. हादिया को अपने सपने पूरे करने की पूरी आजादी है.
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनआईए लव जिहाद केस में अपनी जांच जारी रख सकती है, लेकिन एनआईए पुरुष और स्त्री की वैवाहिक स्थिति की जांच नहीं कर सकती है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड की तीन मेंबर्स की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.
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क्या है केरल का हदिया केस
केरल की रहने वाली हदिया ने अगस्त 2016 में इस्लाम धर्म अपना लिया था. हादिया ने मुस्लिम शख्स शाफीन जहां से दिसंबर 2016 में निकाह किया था. शाफीन मस्कट की एक कंपनी में मैनेजर था. दोनों की शादी की खबर मिलने के बाद हदिया के पिता हाई कोर्ट पहुंच गए. जिसके बाद इस शादी को केरल हाईकोर्ट ने लव जिहाद का मामला बताते हुए रद्द कर दिया था, और हदिया की कस्टडी उसके मां बाप को दे दी थी. अपनी शादी बचाने के लिए हदिया के पति शाफीन ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी.
जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सवाल उठाया था कि कैसे किसी बालिग को उसकी मर्जी के बिना कस्टडी में रखा जा सकता है.
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