लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल ने हाल ही में नए नियम-नीतियां प्रस्तावित की थीं, जिस पर विवाद शुरू हो गया. अब इन नियमों को लक्षद्वीप के कलेक्टर अस्कर अली का भी समर्थन मिल गया है. अली 27 मई को कोच्चि पहुंचे थे और उन्होंने मीडिया से बात की.
विवादित नियमों का बचाव करते हुए कलेक्टर ने कहा कि एक 'भ्रामक कैंपेन' चल रहा है. हालांकि, उन्होंने इन नियमों के पीछे की कोई वैध वजह नहीं बताई.
कलेक्टर ने कहा, "जो कैंपेन अभी चल रहा है वो पूरी तरह भ्रामक है और बाहरी लोगों ने चलाया है. द्वीप पर कोई तनाव नहीं है. कैंपेन लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व भी नहीं करता. प्रशासन जनता के हितों को ध्यान में रख रहा है."
'भविष्य' को ध्यान में रख लागू हो रहे कानून
एक प्रस्ताव में कहा गया कि पंचायत चुनावों में उन लोगों को हिस्सा लेने से रोक दिया जाए जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं. इस 'विवादित' प्रस्ताव पर कलेक्टर ने कहा, "इससे परिवार नियोजन को बल मिलेगा और द्वीप पर महिलाओं का सशक्तिकरण होगा."
वहीं, उन्होंने साफ किया कि ये उन पर लागू नहीं होगा जिनके पहले से दो बच्चे हैं. अली ने कहा कि इसके लागू होने के बाद जिन लोगों के दो से ज्यादा बच्चे होंगे, उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाएगा.
बीफ बैन: 'नीतिगत फैसला'
द्वीप पर एक ड्राफ्ट कानून के जरिए बीफ बैन करने के कदम पर सवाल पूछने पर अली ने 'बीफ' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. 'जानवरों को बचाने' के नाम पर पशुवध, बीफ प्रोडक्ट्स का ट्रांसपोर्टेशन, उसे खरीदना और बेचना बैन किया जा रहा है.
अस्कर अली ने कहा, “ये एक नीतिगत फैसला है. लक्षद्वीप पर आसानी से मछली के आइटम मिलते हैं. हम स्कूलों के मिड-डे मील से नॉन-वेज आइटम नहीं निकाल रहे हैं और अंडा-मछली दे रहे हैं. क्योंकि ये मौजूदा लॉकडाउन के समय आसानी से उपलब्ध है.”
उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में गाय की सुरक्षा के लिए कानून हैं. अली ने कहा, "अवैध बिजनेस वाले ही इसके खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं."
(इनपुट: द न्यूज मिनट)
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