BJP के नेतृत्व वाले लक्ष्यद्वीप प्रशासन (Lakshadweep Administration) ने रविवार से राज्य शासित केंद्र प्रदेश में नए प्रतिबंध लगा दिए हैं. अब कलेक्टोरेट कावारत्ती (Kavaratti) में एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ही एंट्री परमिट जारी करने वाले एकमात्र अधिकारी होंगे. यह व्यवस्था अगले नोटिस तक जारी रहेगी.
फिलहाल जो भी लोग केंद्रशासित लक्ष्यद्वीप में हैं, उनकी परमिट संबंधित द्वीपों में ही डेप्यूटी कलेक्टर या ब्लॉक डिवेल्पमेंट ऑफिसर द्वारा एक हफ्ते तक बढ़ाई जा सकती है. बता दें लक्ष्यद्वीप में कोरोना के मामलों में उछाल आया है.
बता दें सोमवार को लक्ष्यद्वीप में कोविड का पहला केस आया था, जबकि पूरे देश में 14 महीने से कोरोना का कहर जारी है. लेकिन अचानक ही इस हफ्ते लक्ष्यद्वीप में कोरोना के मामलों में बड़ा उछाल आया. फिलहाल वहां 2,109 एक्टिव केस हैं.
इसकी वजह प्रशासन द्वारा बाहर से आने वालों को दो हफ्ते के क्वारंटीन के नियम का खात्मा करना बताया जा रहा है. उस वक्त प्रशासन ने कहा था कि जिन लोगों ने 48 घंटे पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया है और नेगेटिव आए हैं, वे द्वीप पर यात्रा कर सकते हैं.
लक्ष्यद्वीप में फिलहाल बड़े स्तर पर एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल्ल पटेल के एक नए प्रस्ताव के खिलाफ प्रदर्शन भी हो रहे हैं. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि लोगों के कल्याण के लिए जो बदलाव प्रस्तावित किए जा रहे हैं, उन्हें सलाहकारी प्रक्रिया के बाद ही लागू किया जाना चाहिए. इन कार्यक्रमों में दूरदृष्टि होनी चाहिए और इन्हें, जैसा अभी किया जा रहा है, ऊपर से आदेश देने के बजाए, क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से बनाया जाना चाहिए.
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