दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के तौर पर शीला दीक्षित का पार्टी कार्यकर्ताओं को आखिरी निर्देश था कि अगर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच गतिरोध शनिवार को भी खत्म नहीं हो, तो वे बीजेपी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करें. कैबिनेट के एक पूर्व सहयोगी ने यह जानकारी दी.
शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस ने दीक्षित की ओर से जारी संदेश में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी को हिरासत में लिये जाने के विरोध में दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर व्यापक प्रदर्शन के लिये जुटने का आह्वान किया था. प्रदर्शन स्थल पर शीला नजर नहीं आयी और प्रदर्शन का नेतृत्व दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारुन यूसुफ ने किया था.
गतिरोध खत्म नहीं होने की स्थिति में शुक्रवार शाम को हालांकि शीला दीक्षित ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को अगले दिन (शनिवार को) भी प्रदर्शन करने का निर्देश दिया था.
नम आंखों के साथ शनिवार को किरण वालिया ने कहा, ‘‘अगर आज भी उत्तर प्रदेश सरकार और प्रियंका गांधी के बीच गतिरोध खत्म नहीं होता, तो दिल्ली कांग्रेस बीजेपी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करती. दिल्ली प्रदेश प्रमुख के तौर पर शुक्रवार शाम को दिया गया यह शीला दीक्षित का आखिरी निर्देश था.’’ वालिया दीक्षित के मंत्रिमंडल में मंत्री थीं.
शनिवार को ही खत्म हो गया गतिरोध
पूर्व मुख्यमंत्री को उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है, तो घटनाओं ने अलग मोड़ ले लिया, नहीं तो हमलोग प्रदर्शन करने वाले थे.’’ सोनभद्र में जमीन विवाद को लेकर हुए हत्याकांड पर प्रियंका गांधी और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच गतिरोध शनिवार को खत्म हो गया.
शनिवार शाम को ही दिल्ली में 81 वर्ष की उम्र में शीला दीक्षित का निधन हो गया.
(इनपुट - भाषा)
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