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तीस हजारी कोर्ट में झड़प के खिलाफ अब पश्चिमी UP में हड़ताल पर वकील

मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत और शामली सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी 22 जिलों में वकीलों ने काम का बहिष्कार किया. 

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दिल्ली में शनिवार को तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच हुई झड़प के विरोध में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों की अदालतों में वकीलों ने सोमवार को काम नहीं किया.

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शनिवार को पार्किंग को लेकर हुए विवाद में दोनों पक्षों के बीच हुई बहस के बाद कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट बेंच एक्शन कमेटी ने झड़प के खिलाफ एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया था.

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नासिर हैदर काजमी ने कहा कि

मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत और शामली सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी 22 जिलों में वकीलों ने काम का बहिष्कार किया. 

दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा था कि तीस हजारी अदालत परिसर में हुई हिंसा के सिलसिले में छह मामले दर्ज किए गए हैं. सभी मामले अपराध शाखा की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को स्थानांतरित कर दिया गया है जो मामले में आगे की जांच करेगी.

वहीं दूसरी तरफ वकीलों के साथ हुई झड़प के मामले में दिल्ली पुलिस के जवानों ने जमकर नारेबाजी की. उन्होने अमूल्य पटनायक के सामने नारे लगाए- ‘हमारा सीपी कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो’. पुलिस वालों ने कुछ बैनर भी हाथ में लिए थे, जिनमें लिखा था- हमें किरण बेदी जैसे लीडर की जरूरत है एक कमजोर लीडर की नहीं. पुलिसकर्मियों को इस बात से नाराजगी थी कि कमिश्नर ने उनके पक्ष में कोई भी बड़ी राहत देने वाली बात नहीं कही. प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों का आरोप है कि उन्हें इंसाफ का आश्वासन नहीं दिया गया.

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क्या है पूरा मामला?

शनिवार यानि 2 नवंबर की दोपहर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों में जमकर झड़प शुरू हो गई. इस झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हो गए, जबकि 17 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरिंदर कुमार, कोतवाली और सिविल लाइंस थाने के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के ऑपरेटर भी इस झड़प में घायल हो गए थे. इसके अलावा एक वकील को गोली लगने की भी बात सामने आई थी. जिसके बाद वकीलों का गुस्सा फूटा और उन्होंने पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.

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