दिल्ली में किसान प्रदर्शन के लंबे चलने से पंजाब बीजेपी में असहजता बढ़ती जा रही है और कई पदाधिकारी इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाने लगे हैं.
भारतीय जनता पार्टी की पूर्व उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांता चावला का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी चाहें तो एक दिन में स्थिति सुलझ सकती है. चावला ने कहा कि प्रदर्शन को इतने दिन तक नहीं चलने देना चाहिए था.
संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए लक्ष्मीकांता चावला ने कहा,
"मैं बीजेपी नेता की तरह नहीं, बल्कि एक नागरिक के तौर पर बोल रही हूं. मेरा मानना है कि किसी भी प्रदर्शन को इतना लंबा नहीं चलने देना चाहिए। जितना जल्दी हो सके इसका समाधान खोज लेना चाहिए. जब दिसंबर मध्य में 30 से ज्यादा किसान ठंड या आत्महत्या से प्रदर्शनों में अपनी जान गंवा चुके थे, मैंने तब भी प्रधानमंत्री को खत लिखकर कहा था कि अगर कृषि मंत्री इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम नहीं हैं, तो खुद प्रधानमंत्री को इस मामले को अपने हाथों में लेना चाहिए."लक्ष्मीकांता चावला, पूर्व उपाध्यक्ष, बीजेपी
राज्य सरकार में मंत्री रह चुकीं चावला ने आगे कहा कि इतने लंबे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के जरिए किसानों ने दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया है.
चावला के मुताबिक, यहां किसान 100 फीसदी गलत नहीं हैं और ना ही कृषि कानून पूरे तरीके से गलत हैं. प्रधानमंत्री को खुद किसानों के साथ समाधान खोजने के लिए बैठना चाहिए. मुझे लगता है कि अगर प्रधानमंत्री चाहें तो एक दिन में समाधान खोजा जा सकता है.
बता दें पंजाब में बीजेपी के कई पदाधिकारी किसान आंदोलन पर सरकारी रवैये के ऊपर सवाल उठा चुके हैं. बीजेपी के राज्य सचिव रहे मंजिंदर सिंह कांग ने 15 अक्टूबर को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने भी कहा था कि राज्य नेतृत्व ने शुरू से ही प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लिया.
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