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लॉकडाउन में शराब व्यापारी परेशान, ऑनलाइन सेल के लिए सरकार से मांग

लॉकडाउन के कारण शराब का थोक और खुदरा व्यापार ठप हो गया है.

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शराब निर्माता उद्योग ने सरकार से ऑनलाइन बिक्री और धीरे-धीरे दुकानों को खोले जाने की मंजूरी देने की मांग की है. उद्योग जगत का कहना है कि लॉकडाउन के कारण शराब उद्योग को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और लोगों की नौकरियां जा रही हैं.

शराब बनाने वाली कंपनियों के संगठन ‘कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज’ ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, शराब का थोक और खुदरा व्यापार ठप हो गया है.

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संगठन ने कहा कि शराब की आपूर्ति करने वाले ट्रक रास्ते में फंसे हुए हैं, वितरण करने वाले भंडारगृह बंद पड़े हैं और खुदरा दुकानों में भंडार अटका हुआ है. संगठन के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा, ‘‘यह उद्योग करीब दो लाख करोड़ रुपये का राजस्व देता है. इससे करीब 40 लाख किसानों की आजीविका भी इससे जुड़ी है. मौजूदा खराब हालात में भी यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके करीब 20 लाख लोगों को रोजगार दिए हुए है.’’

‘‘शराब उद्योग की दिक्कतें इस बात से बढ़ जाती हैं कि ज्यादातर राज्यों में आबकारी नीति की समयसीमा 31 मार्च तक की होती है. शराब कंपनियों को परिचालन जारी रखने के लिए इससे पहले कई विधायी शर्तों को पूरा करना पड़ता है.’’
विनोद गिरी, महानिदेशक, कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज

होम डिलीवरी के लिए कर्फ्यू पास देने की मांग

महानिदेशक ने कहा कि यदि बंद लंबा खिंचा तो शराब कंपनियों को न सिर्फ भारी आर्थिक नुकसान होगा बल्कि लाखों लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘दुकानों को ऑनलाइन आवेदन के जरिए होम डिलीवरी के लिए रजिस्ट्रेश कराने को कहा जाना चाहिए. सरकार इसके लिए लाइसेंस फीस के अलावा अलग से फीस ले सकती है. हर दुकान को होम डिलीवरी के लिए तीन-चार कर्फ्यू पास दिए जाने चाहिए.’’

‘‘उपभोक्ता फोन से ऑर्डर दे सकते हैं. उम्र के लिए पहचान पत्र मांगा जा सकता है. सरकार डिलीवरी पर मात्रा की सीमाएं तय कर सकती है और यह भी तय किया जा सकता है कि एक व्यक्ति को किसी समयसीमा के भीतर कितनी बार डिलीवरी की जा सकती है.’’
विनोद गिरी, महानिदेशक, कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज

उन्होंने कहा कि लोगों का आपस में दूरी बनाए रखना अब सामाजिक जीवन का नया हिस्सा हो जाने वाला है. ऐसे में सरकार शराब की होम डिलीवरी पर निगरानी के लिए अलग से प्रशासनिक व्यवस्था बना सकती है. इसके लिए सरकार अपना पोर्टल बनाने पर भी विचार कर सकती है.

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