कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा मूव लेते हुए हवाई यात्रा को शुरू करने का फैसला किया. इस फैसले को लेकर कई लोगों ने सवाल भी खड़े किए और कहा कि ऐसे में सफर सुरक्षित नहीं है. लेकिन सरकार ने कहा कि कड़े फैसले लेने पड़ते हैं. अब कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. दिल्ली से फ्लाइट लेकर लुधियाना पहुंचा शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.
बताया गया है कि ये शख्स एयर इंडिया के सिक्योरिटी स्टाफ का ही था. ये शख्स दिल्ली का ही रहने वाला है और दिल्ली से 25 मई को फ्लाइट लेकर पंजाब के लुधियाना पहुंचा था. लुधियाना जिला प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि शख्स की उम्र 50 साल है.
इसके अलावा इंडिगो की एक फ्लाइट में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. चेन्नई से कोयंबटूर जाने वाली एक फ्लाइट में बैठा हुआ शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. जिसके बाद इंडिगो ने अपने पूरे फ्लाइट क्रू को ग्राउंडेड कर दिया है. यानी वो क्रू फिलहाल फ्लाइट में सर्विस नहीं कर सकता है.
आखिर कितना बड़ा खतरा?
अब ये दो मामले देखकर खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है. सवाल ये है कि उन लोगों का क्या जिन्होंने कोरोना पॉजिटिव यात्री के साथ सफर किया. जो लोग इनके अगल-बगल वाली सीटों पर बैठे थे उनका क्या? क्योंकि ये एक बहुत बड़ा खतरा है. आपको पता भी नहीं है कि आप किसी कोरोना पॉजिटिव शख्स के बगल में बैठकर आए हैं.
सरकार ने घरेलू उड़ानों को शुरू करने से पहले तमाम ऐसे दावे किए थे, जिनसे लग रहा था कि वाकई में सरकार एक सेफ ट्रैवल करवाने जा रही है और यात्रियों की सुरक्षा का पूरा खयाल रखा जा रहा है. फिर चाहे वो आरोग्य सेतु ऐप में ग्रीन और रेड स्टेटस वाली बात हो या फिर टाइट स्क्रीनिंग की, ऐसे मामलों को देखकर ये सभी सुरक्षा इंतजाम फेल होते नजर आ रहे हैं.
सीटों को खाली न छोड़ना खतरनाक?
वहीं सरकार ने फ्लाइट सर्विस शुरू की तो ठीक, लेकिन एक बोल्ड मूव और लेते हुए कहा कि बीच की सीटों को खाली नहीं रखा जा सकता है. ऐसा एयरलाइंस के बिजनेस को देखते हुए किया गया. लेकिन सवाल है कि सरकार को एयरलाइन कंपनियों के मुनाफे की ज्यादा चिंता है या फिर लोगों के स्वास्थ्य की? हाल ही मे सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से यही सवाल किया था.
कुल मिलाकर सुरक्षित नजर आने वाला एयर ट्रैवल उतना सुरक्षित नहीं है, जितना सरकार ने ऐलान करते हुए बताया था. किसी भी कोरोना पॉजिटिव शख्स से आधे मीटर से भी कम दूरी पर घंटों तक सफर करके आप सुरक्षित रहेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. भले ही आपने हाथों में ग्लब्ज और चेहरे पर फेस मास्क-फेस शील्ड ही क्यों न पहनी हो.
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