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LSR छात्रा की सुसाइड से मौत, वित्तीय संकट से परेशान था परिवार

ऐश्वर्या के क्लास 12 में 98.5 प्रतिशत नंबर आए थे

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लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन की सेकेंड ईयर की छात्रा की 2 नवंबर को मौत हो गई. BSc मैथमैटिक्स (Honours) की छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी तेलंगाना की रहने वाली थीं और शादनगर के रंगा रेड्डी जिले स्थित अपने घर में फंदे से लटकती उनकी बॉडी मिली. ऐसा कहा जा रहा है कि लॉकडाउन और ऑनलाइन क्लासेज की वजह से छात्रा का परिवार वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहा था और ऐश्वर्या ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 19 साल की ऐश्वर्या के परिवार ने बताया है कि उसने तेलुगू में एक नोट छोड़ा है. ऐश्वर्या के क्लास 12 में 98.5 प्रतिशत नंबर आए थे.

नोट में कथित रूप से लिखा था, “मेरी वजह से मेरा परिवार कई वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहा है. मैं अपने परिवार पर एक बोझ हूं. मेरी शिक्षा एक बोझ है. अगर मैं पढ़ नहीं सकती, मैं जी नहीं सकती.” 

रेड्डी की मौत के पीछे ऑनलाइन क्लास के लिए सेकंड-हैंड लैपटॉप न लेने पाने की वजह से वित्तीय तनाव, सरकारी स्कॉलरशिप में देरी और महामारी की वजह से छात्रा के पिता की आय को हुआ नुकसान को वजह बताया जा रहा है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ऐश्वर्या रेड्डी की मौत पर ट्वीट किया है. राहुल ने इसे 'बहुत ही दुखद' घटना बताया है. गांधी ने ट्वीट में लिखा, "बीजेपी सरकार ने जानबूझकर नोटबंदी और लॉकडाउन कर अनगिनत परिवारों को बर्बाद कर दिया."

सरकारी स्कालरशिप में देरी

रेड्डी को मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की INSPIRE स्कालरशिप मिलती थी. ये छात्रों के लिए पांच सालों तक उपलब्ध होती है.

उनके पिता का कहना है कि स्कालरशिप में देरी हुई है, वहीं ऐश्वर्या को अगस्त में मिले एक लेटर में बताया गया था कि प्रक्रिया पूरी होने में अभी समय लगेगा. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मिनिस्ट्री से ये लेटर 6 अगस्त 2020 को आया था और इसमें बताया गया कि ऐश्वर्या हायर एजुकेशन स्कालरशिप के लिए 'प्रॉविजनली सेलेक्ट' हुई हैं.

लेटर में लिखा था कि 80,000 रुपये का सालाना फंड 31 दिसंबर 2020 से पहले बैंक अकाउंट डिटेल और आधार कार्ड कॉपी जमा कराने के बाद जारी किया जाएगा.  

डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में INSPIRE प्रोग्राम की कमान संभालने वाले डॉ संजय मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "कभी-कभी देरी हो सकती है किसी टेक्निकल वजह से, जैसे कि किसी छात्र ने सभी जरूरी डॉक्युमेंट स्कालरशिप की वेबसाइट पर जमा नहीं कराए, पिछले पैसे इस्तेमाल हुए या नहीं, या फिर कोई छात्र न्यूनतम मार्क्स का क्राइटेरिया जो कि सेकंड ईयर के लिए 60 फीसदी है, उसे पूरा नहीं कर पाया. फंड जारी करने का समय एप्लीकेशन देने से 45 दिन के अंदर है."

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कॉलेज को वित्तीय तनाव की जानकारी नहीं

19 साल की छात्रा के परिवार का कहना है कि बड़ा संकट तब शुरू हुआ, जब ऐश्वर्या को अक्टूबर में हॉस्टल रूम छोड़ने के लिए कहा गया. LSR हॉस्टल सिर्फ फर्स्ट ईयर के छात्रों को मिलता है.

पिता श्रीनिवास ने कहा, "किराये के कमरे का इंतजाम करना पड़ा. मैंने उसे परेशान न होने को कहा और बोला कि मैं पैसे का जुगाड़ कर लूंगा, जबकि मुझे नहीं पता था कि कैसे करूंगा. 2 नवंबर को उसने मुझे अपने हाथ से खाना खिलने की जिद की. और फिर उसने ऐसा कदम उठा लिया."

हालांकि, LSR की प्रिंसिपल सुमन शर्मा ने ऐश्वर्या की वित्तीय दिक्कतों के बारे में जानकारी होने से इनकार किया और बोलीं कि छात्रा ने वित्तीय सहायता के लिए कॉलेज को संपर्क नहीं किया.

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शर्मा ने कहा, “ये हमारे लिए बहुत बड़ा नुकसान है और ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उसकी मदद नहीं कर पाए. हालांकि, उसने अपने डिपार्टमेंट के किसी टीचर या हॉस्टल अथॉरिटी को कभी संपर्क नहीं किया.” 

सुमन शर्मा ने कहा, "कॉलेज में कई स्कीम और स्कालरशिप होती हैं लेकिन उसने कभी मदद नहीं मांगी."

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