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लखनऊ: 135 साल पुराने स्कूल की बिल्डिंग दिखाकर ले ली मान्यता, किया कब्जा- हुई FIR

प्रधानाचार्य राजीव डेविड दयाल ने बताया कि स्कूल के कुछ शिक्षकों ने दबंगों के साथ मिलकर इसे कब्जा कर लिया था

Published
भारत
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उत्तर प्रदेश(UP) की राजधानी लखनऊ(Lucknow) में बेसिक शिक्षा विभाग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. सरकार से अनुदानित 135 साल पुराने सेंटीनियल हायर सेकेंडरी स्कूल की जमीन में एक निजी ( मेथाडिस्ट चर्च ) स्कूल ने मान्यता ले ली है. बवाल तब शुरू हुआ जब 7जुलाई, दिन गुरुवार को सेंटीनियल हायर सेकेंडरी स्कूल से जुड़े सभी सरकारी शिक्षकों और छात्रों को बाहर निकाल दिया गया. इससे नाराज होकर शिक्षकों ने कॉलेज के बाहर ही चिलचिलाती धूप में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं और फिर प्रशासन हरकत में आया.

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सेंटीनियल हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव डेविड दयाल ने बताया कि स्कूल के कुछ शिक्षकों ने दबंग लोगों के साथ मिलकर इसे कब्जा कर लिया था. उन्होंने बताया कि अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ लखनऊ के वजीरगंज थाने में 29 मार्च 2022 को पहली एफआईआर तथा इसी मामले में 30 जून 2022 को दूसरी एफआईआर दर्ज कराई थी. लेकिन उसके बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. अब जब मामले ने तूल पकड़ा है तब शुक्रवार, 8 जुलाई को अधिकारियों ने संज्ञान लिया.

क्या है पूरा मामला

सरकार से अनुदानित सेंटीनियल हायर सेकेंडरी स्कूल को पहले से यूपी बोर्ड से दसवीं तक की मान्यता मिली थी. स्कूल की इसी बिल्डिंग को दिखा शिक्षा माफिया ने स्कूल का नाम बदलकर दोबारा मान्यता के लिए आवेदन किया. सबसे बड़ी बात यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मान्यता को मंजूरी भी दे दी. मामला सामने आने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए कि आखिरकार इतनी बड़ी लापरवाही हुई कैसे ?

प्रधानाचार्य राजीव डेविड दयाल ने बताया कि स्कूल के कुछ शिक्षकों ने दबंगों के साथ मिलकर इसे कब्जा कर लिया था
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हटा लिया गया मेथाडिस्ट चर्च का बोर्ड

मामला तूल पकड़ने पर और भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद आनन-फानन में अधिकारियों ने स्कूल के चक्कर लगाने शुरू कर दिए. शुक्रवार को लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सेंटीनियल हायर सेकेंडरी को सरकार द्वारा पहले से मान्यता मिली हुई थी. इसी स्कूल के भवन पर मेथोडिस्ट चर्च स्कूल को गलत तरीके से दोबारा मान्यता दी गई है. इसकी जांच कराई जाएगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. साथ ही मेथोडिस्ट चर्च स्कूल का जो बोर्ड लगा दिया गया था उसे भी हटा लिया गया है.

शिक्षा विभाग पर उठे सवाल

जब इस मामले की जांच हुई तो सामने आया कि पहले से उस जगह पर चल रहे स्कूल की जानकारी को छुपाई गई है. जिसके बाद फर्जी तरीके से मेथोडिस्ट चर्च स्कूल के नाम पर मान्यता ली गई है. हालांकि बड़ा सवाल ये है कि आखिर स्थलीय निरीक्षण करने वाले खंड शिक्षा अधिकारी ने कैसे मान्यता दे दी.

प्रधानाचार्य राजीव डेविड दयाल ने बताया कि स्कूल के कुछ शिक्षकों ने दबंगों के साथ मिलकर इसे कब्जा कर लिया था
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DM ने लिया एक्शन

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने तत्काल मेथोडिस्ट चर्च स्कूल की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया और जिस सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारी शिवनंदन सिंह ने मान्यता के लिए भवन का निरीक्षण किया था उसके विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही सेंटीनियल हायर सेकेंडरी स्कूल पर अनाधिकृत तौर से कब्जा करने वाले 12 लोगों FIR दर्ज कराई है.

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