मध्यप्रदेश में किसान कर्जमाफी का पूरा खाका सामने आ गया है. दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा और जिन किसानों में 11 दिसंबर 2019 तक पूरा या कर्ज का कुछ हिस्सा जमा कर दिया है उनको भी कर्जमाफी का फायदा मिलेगा.
आइए आपको बताते हैं कैसे होगी किसानों की कर्जमाफी और किसानों का इसके लिए क्या क्या करना होगा.
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किसान कर्जमाफी योजना का नाम है मुख्यमंत्री फसल ऋणमाफी योजना
किस किस बैंकों से लिया कर्ज माफ होगा
- सहकारी
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- राष्ट्रीयकृत बैंक
दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ होगें
किन किसानों के कर्ज माफ होंगे
- 31 मार्च 2018 तक बैंकों के खातों में जिन किसानों पर फसल कर्ज होगा वो माफ हो जाएगा
- जिन किसानों ने 31 मार्च 2018 को बकाए कर्ज का 12 दिसंबर 2018 तक पूरा या आंशिक चुका दिया है तो वो भी माफ हो जाएगा
- 1 अप्रैल 2007 के बाद लिए गए कर्ज जो 31 मार्च 2018 तक नहीं चुकाए गए या बैंकों ने जिन्हें एनपीए घोषित कर दिया हो
- उनको भी फायदा मिलेगा जिन्होंने 12 मार्च तक लोन पूरा या आंशिक तौर पर चुका दिया है. मतलब जो कर्ज अदा किया गया है वो उनको वापस कर दिया जाएगा.
कौन कौन से कर्ज दायरे में आएंगे
फसल ऋण
- रिजर्व बैंक और नाबार्ड की परिभाषा के मुताबिक दिया गया छोटा फसल ऋण
- कृषि फसल के लिए जिला स्तरीय समिति की तरफ से दिया गया कर्ज
अगर लोन चुका दिया गया है तो इन सर्टिफिकेट की जरूरत होगी
- फसल ऋण मुक्ति प्रमाणपत्र
- बैंक मैनेजर के दस्तखत से किसान को जारी किया गया ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र
- किसान सम्मान पत्र
- नियमित कर्ज चुकाने वाले किसानों को दिया जाने वाला सम्मान पत्र
किन किसानों का लोन माफ होगा
- मध्यप्रदेश के किसान, जिनकी जमीन राज्य में है
- जिस बैंक से कर्ज लिया गया वो ब्रांच मध्यप्रदेश में होनी चाहिए
- कृषि सहकारी समिति की तरफ से मिले कर्ज
- फसल नुकसान की वजह से रीस्ट्रक्चर किए गए कर्ज
इन कर्ज में माफी नहीं मिलेगी
- कंपनियों या कॉरपोरेट की तरफ से दिए गए कर्ज
- किसान सोसाइटी की तरफ से दिए फसल कर्ज
- किसान प्रोड्यूसर संस्था से दिया गया कर्ज
- सोना गिरवी रखकर लिया गया कर्ज
कर्ज माफी कैसे होगी
- किसानों के खाते में सीधे रकम डाली जाएगी
- फसल ऋण खाते में किसानों का आधार नंबर होना जरूरी है
- जिन किसानों के फसल ऋण खाते में आधार नंबर नहीं है उसे जोड़ने का मौका मिलेगा
किसानों के फसल ऋण खाते में उनके माफ कर्ज की रकम जमा करा दी जाएगी.
- छोटे और बहुत छोटे किसानों को प्राथमिकता मिलेगी
बैंकों का प्राथमिकता क्रम
- सहकारी बैंक
- क्षेत्रीय बैंक
- राष्ट्रीयकृत बैंक
फायदा नहीं मिलेगा
- मौजूदा और पूर्व सांसद
- मौजूदा और पूर्व विधायक
- मौजूदा और पूर्व जिला पंचायत, नगरपालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष
- मौजूदा और पूर्व महापौर
- मौजूदा और पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष
- सहकारी बैंकों के मौजूदा और पूर्व अध्यक्ष
- राज्य सरकार के निगम, मंडल या बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- इनकम टैक्स देने वाले लोग
- भारत और मध्यप्रदेश सरकार के सभी अधिकारी (चतुर्थ क्लास छोड़कर)
- 15,000 रुपए महीने से ज्यादा पेंशन पाने वाले रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी
- जीएसटी में रजिस्टर्ड फर्म के डायरेक्टर, मालिक, पार्टनर
भूतपूर्व सैनिकों को पेंशन के बाद भी छूट जारी रहेगी
कर्जमाफी की प्रक्रिया
- कर्जमाफी के लिए MP-online पोर्टल तैयार करेगी.
- पोर्टल का मैनेजमेंट किसान कल्याण और एग्रीकल्चर विभाग देखेगा
- जिला कलेक्टर की अगुआई में हर पंचायत स्तर कर्जमाफी के लिए पात्र किसानों की लिस्ट बनेगी
कर्जमाफी के आवेदन में रंगों का मतलब
- हरे रंग के आवेदन- आधार कार्ड से जुड़े कर्ज खाते
- सफेद रंग के आवेदन- आधार नहीं जुड़े कर्ज खाते
- कर्ज माफी की लिस्ट प्रकाशित होने के बाद पंचायतों में हरे और सफेद फार्म मिलेंगे
- गुलाबी फार्म- किसान लिस्ट के बारे में अपनी आपत्ति दर्ज कराने वाला फार्म
कर्जमाफी की अहम तारीखें
- 15 जनवरी तक संबंधित बैंक ब्रांच में लगाई जाए और पोर्टल में भी डाली जाएगी
- 26 जनवरी को ग्रामसभा की बैठक में हरे, सफेद और गुलाबी फार्म की जानकारी दी जाएगी
- 26 जनवरी तक अर्जी नहीं दे पाने वाले किसानों को 5 फरवरी 2019 तक ग्राम पंचायत में जमा करने का एक और मौका दिया जाएगा
- 15 जनवरी से 5 फरवरी के बीच ऐसे ऋण खाते आधार लिंक कराए जा सकेंगे जो आधार से नहीं जुड़े.
- ऑफ लाइन आवेदनों को 26 जनवरी 2019 तक पोर्टल में डाल दिया जाएगा
- जिन किसानों के कर्ज आधार से नहीं जुड़े उन्हें बैंक जाकर आधार से जुड़वाना होगा.
- जो किसान आधार कार्ड से कर्ज लिंक नहीं कराएंगे उनको कर्जमाफी नहीं मिलेगी.
अगर जमीन ग्राम पंचायत के दायरे में है तो अर्जी पंचायत में और शहर में जमीन है तो नगरीय निकाय के दफ्तर में जमा होगी
आवेदन पत्र के साथ क्या क्या जमा करें
- आधार कार्ड की फोटो कॉपी
- सरकारी या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक है तो ऋण खाता पासबुक का पहले पन्ने की फोटोकॉपी
- सहकारी बैंक या कृषि समिति से लोन लिया गया है तो ऋण खाता पासबुक की जरूरत नहीं
- जमीन अगर कई पंचायतों में आती है तो जिस पंचायत में उसका घर है वहां अर्जी जमा होगी.
किसानों को कैसे पता चलेगा
- जानकारी अपलोड होते ही किसानों को sms से सूचित करेगी
- पोर्टल में भरे गए आवेदन की फोटो कॉपी भी किसान को दी जाएगी.
- जिन किसानों ने आधार कार्ड या ऋण खाते का नंबर नहीं दिया है उनके अलग से वक्त मिलेगा.
- कर्ज की रकम किसान के खाते में डालते ही उन्हें sms से सूचित किया जाएगा
- भुगतान के बाद किसानों को ऋण मुक्ति प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा.
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