महाराष्ट्र सरकार में CAA, NRC और NPR को लेकर एक राय नहीं है. सत्ताधारी गठबंधन में मौजूद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेता इन तीनों मुद्दों पर अलग-अलग बयान देते हुए नजर आते हैं. तीनों पार्टियों में इस मतभेद को दूर करने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे ने अब एक कमेटी बना दी है. ठाकरे सरकार ने CAA, NRC और NPR पर 6 मंत्रियों की एक कमेटी बनाई है.
शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे. उनके अलावा एनसीपी के जितेंद्र अवहाद और नवाब मलिक, शिवसेना के उदय सामंत और कांग्रेस के सुनील केदार और विजय वड्डेटीवार शामिल रहेंगे.
ये कमेटी CAA, NRC और NPR जांच-पड़ताल करेगी और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपेगी.
अजित और शरद पवार के बयान अलग
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सभी को चौंका दिया था, जब उन्होंने कहा कि CAA, NRC और NPR के विरोध में विधानसभा में कोई प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि नागरिकता कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता. लेकिन NCP ने 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में वोट किया था. इसके अलावा NCP प्रमुख शरद पवार ने भी 19 फरवरी 2020 को मुंबई में कहा था कि उनकी पार्टी CAA के खिलाफ है.
कांग्रेस नेता का पार्टी से अलग विचार?
महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस का स्टैंड भले ही CAA कानून के खिलाफ हो लेकिन उनके नेताओं के बयान भी चौंकाने वाले हैं. ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने 8 फरवरी को बयान दिया कि विधानसभा में CAA के विरोध में प्रस्ताव नहीं लाएगी. राउत ने कहा कि कांग्रेस का विरोध कायम है लेकिन इस मुद्दे को हम एक हद से ज्यादा नहीं खींच सकते हैं.
उद्धव की पीएम मोदी से मुलाकात
उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी. पीएम से मिलने के बाद उद्धव ने कहा था कि CAA को लेकर किसी को डरने की जरूरत नहीं है. ठाकरे ने कहा, "प्रधानमंत्री जी से CAA, NRC, NPR पर बात हुई. मैंने अपनी भूमिका स्पष्ट की है. ये किसी को देश से निकालने के लिए कानून नहीं है."
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