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वो 24 घंटे जिन्होंने बदला महाराष्ट्र का सियासी सीन, कब क्या हुआ?

राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले जब सुबह सवेरे उठे और फोन देखा तो चौंक उठे

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राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले जब सुबह सवेरे उठे और फोन देखा तो चौंक उठे. आज महाराष्ट्र में इतने दिनों से चल रही सरकार बनाने की कशमकश में सबसे बड़ा पड़ाव आया. सुबह 8 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह 8:00 बजे देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार की शपथ दिलाई. इसके बाद खबरों की दुनिया में भूचाल आ गया.

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कब, कैसे और क्या हुआ?

राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले जब सुबह सवेरे उठे और फोन देखा तो चौंक उठे

शुक्रवार की रात 9:30 बजे के आसपास देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने पहुंचे. फडणवीस ने अपने पास 173 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया. इस दावे में देवेंद्र फडणवीस ने 54 एनसीपी के विधायक और 14 निर्दलीय और अन्य विधायकों के समर्थन होने का दावा किया.

रात 12:30 बजे ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई से दिल्ली जाने के लिए अपनी यात्रा रद्द की. फिर राज्यपाल ने राज्य में लोकतांत्रिक सरकार के गठन का रास्ता साफ करने के लिए राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय लिया और केंद्र को राज्य में गठबंधन सरकार बनने के हालात बनने की जानकारी देते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश भेज दी.

रात 2.10 बजे राज्यपाल के सचिव को कहा गया कि तड़के 5.47 बजे राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दाखिल करे और 6.30 बजे शपथ ग्रहण कराने का प्रबंध करें

सुबह 5.30 बजे अजीत और फडणवीस राजभवन पहुंचे.

सुबह 5.47 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया.

सुबह 6:00 बजे के आसपास राज्यपाल ने नई सरकार को शपथ दिलाने का फैसला किया.

सुबह 6:30 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार के शपथ ग्रहण कराने की अर्जी भेजी गई. अर्जी में सुबह ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का निवेदन भी था.

सुबह 8:00 बजे राज्यपाल को बीजेपी की तरफ से शपथ ग्रहण की अर्जी मिलने के बाद राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.

सुबह 8.40 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को बधाई दी

सुबह 9.30 बजे के आसपास संजय राउत ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कल हमें संशय आया था. रात के अंधेरे में अजित पवार ने डाका डाला है. अजित पवार के मन में पाप छिपा था.

दोपहर 12.30 बजे शिवसेना-एनसीपी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. शरद पवार ने कहा अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है और अनुशासनहीनता है.

दोपहर 1 बजे कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा- संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं. महाराष्ट्र के इतिहास में ये घटना काली स्याही से लिखी जाएगी.

रात 8 बजे- अजित पवार को एनसीपी विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया. पवार की जगह जयंत पाटिल नए विधायक दल के नेता चुने गए. विप जारी करने का भी जो अधिकार अजित के पास था उसे भी पार्टी ने वापस ले लिया है.

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