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महाराष्ट्र शिवसेना-BJP में सब कुछ ठीक नहीं? कणवली सीट खोल रही पोल

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को लेकर शिवसेना का विरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है

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क्या महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है? कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ आने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को लेकर शिवसेना का विरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं.

चुनाव से ठीक पहले आखिरी लिस्ट में नारायण राणे के बेटे और कांग्रेस के पूर्व विधायक नितेश को बीजेपी ने कोकण की कणवली सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी-शिवसेना के बीच सीटों को लेकर जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक कणवली सीट बीजेपी के खाते में गई है. लेकिन शायद शिवसेना को बीजेपी का राणे के बेटे को टिकट देना रास नहीं आया.

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शिवसेना ने कणवली से सतीश सावंत को फॉर्म A-फॉर्म B देकर अपना आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में कणवली सीट पर बीजेपी-शिवसेना सहयोगी होने के बावजूद एक दूसरे को टक्कर दे रहे हैं.

नारायण राणे और शिवसेना के बीच क्या है विवाद?

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे ने जब शिवसेना छोड़ दिया था, तब से ही पार्टी और उनके बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं. दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ चुके हैं. नारायण राणे ने कई मौकों पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए. राणे के दोनों बेटे विधायक नितेश राणे और पूर्व सांसद निलेश राणे भी कई बार उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के खिलाफ बयान देते रहे हैं. इसी वजह शिवसेना, नारायण राणे से नाराज है.

नारायण राणे ने 2 साल पहले जब कांग्रेस का साथ छोड़ और बीजेपी से नजदीकियां बनाई, तब भी राणे चाहते थे कि सीएम फडणवीस उन्हें अपनी कैबिनेट का हिस्सा बनाए. लेकिन शिवसेना के कड़े विरोध और समर्थन वापस लेने की धमकी ने राणे के महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनाने के सपने को हकीकत में तब्दील नहीं होने दिया.

यही वजह है कि नारायण राणे बीजेपी के समर्थन से राज्यसभा में सांसद तो बन गए, लेकिन उनको अपनी खुद की पार्टी बनानी पड़ी. विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना ने भले ही बीजेपी से हाथ मिलाया हो लेकिन वो राणे का आसानी से पीछा छोड़ती नहीं दिख रही.

नितेश राणे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सतीश सावंत कौन हैं?

नितेश राणे ने 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से कणवली सीट से चुनाव जीता था, लेकिन इस बार का विधानसभा चुनाव नितेश के लिए आसान नहीं होगा. क्योंकि उनके ही करीबी और उनके चुनावी क्षेत्र में कभी उनका पूरा काम देखने वाले सतीश सावंत ने ही उनके खिलाफ चुनाव लड़ना तय किया है.

सतीश सावंत सिंधुदुर्ग जिला बैंक के अध्यक्ष हैं. उनका इलाके में अच्छा प्रभाव माना जाता है. पिछले काफी समय से वो चुनाव लड़ने की तैयारी में थे लेकिन नितेश की वजह से चुनाव लड़ना उनके लिए कठिन था. आखिरकार कुछ दिन पहले ही सावंत शिवसेना में शामिल हुए और फिर पार्टी ने उन्हें नितेश राणे के खिलाफ मैदान में उतार दिया.

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